IND vs AUS: रवि शास्त्री ने चौथे टेस्ट की समाप्ति के बाद कहा, 'यह अब तक का सबसे कठिन दौरा था. कई सारे खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद हम कोविड और क्वारंटीन (Quarantine) में खेल रहे थे. इसलिए इससे बढ़कर कुछ नहीं.आपको विराट कोहली (Virat Kohli) को अवश्य इसका श्रेय देना चाहिए.'
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ब्रिस्बेनः आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-1 से टेस्ट सीरीज जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने मंगलवार को कहा कि भारतीय टीम का ये अब तक का सबसे मुश्किल दौरा था. उन्होंने साथ ही टीम के अंदर आत्मविश्वास जगाने का श्रेय भारत के नियमित कप्तान विराट कोहली को दिया. कोहली (Virat Kohli) एडिलेड में मिली पहले टेस्ट मैच की हार के बाद स्वदेश लौट गए थे. उनके जाने के बाद अजिंक्य रहाणे ने टीम इंडिया की कमान संभाली और भारत को 2-1 से सीरीज में जीत दिला दी. इससे पहले, 2018-19 में भी कोहली की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में ही 2-1 से हराया था.
शास्त्री ने चौथे टेस्ट के खत्म होने के बाद कहा, 'ये अब तक का सबसे मुश्किल दौरा था. कई सारे खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद हम कोविड और क्वारंटीन (Quarantine) में खेल रहे हैं. इसलिए इससे बढ़कर कुछ नहीं.' उन्होंने कहा, 'आपको विराट कोहली Virat Kohli) को जरूर इसका श्रेय देना चाहिए. वो यहां नहीं हैं. कोहली हमारे साथ नहीं थे, पर वो हमेशा हमारे साथ हैं. कोहली का कैरेक्टर नहीं रहने पर भी दिखा.'
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कोच ने कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की तारीफ करते हुए कहा, 'रहाणे (Ajinkya Rahane) ने भी उसी तरह अपने काम को अंजाम दिया, जिस तरह से कोहली ने किया है. हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा था और आखिरी टेस्ट के शुरू होने से पहले हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. भारत ने पिछली बार भी ऑस्ट्रेलिया को उनकी ही धरती पर हराया था. लेकिन इस आखिरी टेस्ट में कोई भी गेंदबाज नहीं था, जो उस दौरे पर टीम के साथ थे. इसलिए खुद पर आत्मविश्वास बनाए रखना अहम था.' शास्त्री ने रहाणे की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि उन्होंने शांत रहकर अपना शानदार काम किया. केवल उन्हीं गेंदबाजों के साथ दूसरी टीम को ऑलआउट करना आसान नहीं था, जिन्होंने इससे पहले केवल तीन ही टेस्ट मैच खेला हो, लेकिन यह खुद पर विश्वास था.'
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उन्होंने कहा, 'लोग मानते हैं कि यह रातोंरात हुआ है, लेकिन ऐसा नहीं है. यह एक प्रक्रिया है, जिसे पूरा होने में 5-6 साल लगे हैं. ये खिलाड़ी पिछले पांच-छह साल से एक दूसरे साथ खेल रहे हैं. उनके लिए दौरा मुश्किल रहा, उन्हें हार भी मिली. लेकिन उन्होंने इससे जो सीखा, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. हार एक अलग चीज है, लेकिन हार के बाद खुद को मैच से बाहर न करना अच्छी बात है. टीम ने यही कर दिखाया और इसका श्रेय आपको कोहली को देना होगा.' शास्त्री ने कहा कि सीरीज जीतने के बाद उनके आंखों से आंसू आने लगे. उन्होंने कहा कि 36 रन पर ऑलआउट होना और फिर चैंपियन की तरह खेलना अवास्तविकता है.