IND vs BAN: चेपॉक के बाद अब टीम इंडिया कानपुर में भी एक यादगार जीत दर्ज करना चाहेगी. दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला शुक्रवार (27 सितंबर) से खेला जाएगा. इस बीच हनुमा विहारी का मानना है कि टीम इंडिया को ग्रीन पार्क स्टेडियम में कुलदीप यादव का ऑप्शन अपने पास रखना चाहिए.
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IND vs BAN: चेपॉक के बाद अब टीम इंडिया कानपुर में भी एक यादगार जीत दर्ज करना चाहेगी. दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला शुक्रवार (27 सितंबर) से खेला जाएगा. इस बीच हनुमा विहारी का मानना है कि टीम इंडिया को ग्रीन पार्क स्टेडियम में कुलदीप यादव का ऑप्शन अपने पास रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि काली मिट्टी की पिच पर स्पिन गेंदबाजी में विविधता की जरूरत पड़ेगी.
कानपुर टेस्ट में होगी इस खतरनाक मैच विनर की एंट्री
2017 में अपने डेब्यू के बाद से 12 टेस्ट में 53 विकेट लेने वाले कुलदीप चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम इंडिया की प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं थे, क्योंकि भारत ने तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के संयोजन को प्राथमिकता दी थी, लेकिन अपने घरेलू मैदान की परिस्थितियों से वाकिफ कुलदीप इस मुकाबले में टीम इंडिया की अहम कड़ी साबित हो सकते हैं.
कानपुर की पिच का रहस्य
टीम में शायद बदलाव हो सकता है. वे एक तेज गेंदबाज की जगह एक अतिरिक्त स्पिनर खिला सकते हैं. मुझे लगता है कि कुलदीप को प्लेइंग-11 में खेलना चाहिए क्योंकि अगर आपके पास सभी फिंगर स्पिनर हैं, तो मुझे नहीं लगता कि आपको कानपुर की पिच से बहुत मदद मिलेगी.
टीम इंडिया की ताकत होगी दोगुनी!
हमने न्यूजीलैंड के खिलाफ भी देखा है, जहां वे कानपुर में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच ड्रॉ करा सके. इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें विविधता की जरूरत है और कुलदीप यादव को प्लेइंग-11 में शामिल किया जाएगा, क्योंकि यह उनका अपना मैदान भी है.
विकेट तेज गेंदबाजों के अनुरूप नहीं
जियो सिनेमा और स्पोर्ट्स 18 के क्रिकेट एक्सपर्ट विहारी ने कहा, 'वह यहां की परिस्थितियों को सबसे अच्छी तरह से जानते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यह कोई मुश्किल काम नहीं है. अगर विकेट तेज गेंदबाजों के अनुरूप नहीं है, या पिच पर घास नहीं है, तो मुझे लगता है कि तेज गेंदबाजों में से किसी एक को कुलदीप से रिप्लेस करना चाहिए.'
कानपुर में भारत ने 7 टेस्ट मैच जीते
भारत ने कानपुर में 23 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से सात में उसे जीत मिली है जबकि 17 मैच ड्रॉ रहे हैं. इस मैदान की पहचान धीमी, नीची और बल्लेबाजों के अनुकूल काली मिट्टी वाली पिच के रूप में है, विहारी का मानना है कि कानपुर में गेंदबाजों को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा.