भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पांचवें वनडे में शानदार जीत दर्ज की. इसके साथ ही उसने 5 मैचों की वनडे सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली.
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नई दिल्ली: भारत ने उम्मीद के मुताबिक न्यूजीलैंड दौरे (India vs New Zealand) का अंत जीत से किया. उसने चौथे वनडे की हार से उबरते हुए पांचवें वनडे में मेजबान टीम को 35 रन से हराया. इस तरह पांच मैचों की वनडे सीरीज 4-1 से भारत के नाम रही. भारतीय टीम ने एशिया से बाहर किसी देश को पहली बार द्विपक्षीय सीरीज में इस अंतर से हराया है. पांचवें वनडे में भारत की शुरुआत खराब रही थी, लेकिन अंबाती रायडू (Ambati Rayudu), विजय शंकर, हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने बेहतरीन बल्लेबाजी कर टीम को 252 रन तक पहुंचा दिया. इसके बाद गेंदबाजों ने मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) और युजवेंद्र चहल की अगुवाई में न्यूजीलैंड को 217 रन पर समेट दिया. भारत की जीत के 5 हीरो...
रायडू ने टीम इंडिया को दबाव से निकाला
अंबाती रायडू वेलिंगटन में खेले गए मैच में जब बैटिंग करने उतरे तो उन पर दोहरा दबाव था. पहला, टीम 12 रन पर दो विकेट गंवा चुकी थी. दूसरा रायडू पिछले मैच में खाता नहीं खोल पाए थे और सबसे ज्यादा आलोचना उनकी ही हुई थी. रायडू ने अभी खाता ही खोला था कि शुभमन गिल और एमएस धोनी भी आउट हो गए. स्कोर चार विकेट पर 18 रन. रायडू ने दबाव के इन पलों में बेहद संयमित शुरुआत की. उन्होंने 86 रन पर अर्धशतक पूरा किया. जब एक बार भारत ने 100 रन का आंकड़ा पार कर लिया तो रायडू ने अपने हाथ खोले. हालांकि, वे शतक के करीब पहुंचकर आउट हो गए. उन्होंने 90 रन बनाए.
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विजय शंकर ने दर्ज कराई अपनी मौजूदगी
विजय शंकर को भारत के लिए पहला वनडे खेलने का मौका 18 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया में मिला था. इसके बाद वे न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले दो वनडे मैचों में भी खेले. लेकिन इन तीनों ही मैचों में उन्हें बैटिंग का मौका नहीं मिला था. इसके बाद हार्दिक पांड्या टीम में आ गए. तब लगा कि विजय शंकर (Vijay Shankar) ने मौका गंवा दिया है. लेकिन उन्हें पांचवें वनडे में टीम में शामिल किया गया. विजय शंकर ने इस मौके को दोनों हाथ से लपकते हुए 45 रन की पारी खेली. उन्होंने अंबाती रायडू के साथ 98 रन की साझेदारी कर भारत को दबाव से बाहर निकाला. हालांकि, वे बदकिस्मत रहे कि रन आउट हो गए.
ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की तूफानी पारी
हार्दिक पांड्या जब पिछले महीने विवादित बोल के कारण बैन किए गए तो करीब-करीब हर क्रिकेटर-पूर्व क्रिकेटर ने इसका समर्थन किया. लेकिन इसके साथ ही सभी लगभग यह मान रहे थे कि बिना हार्दिक पांड्या के टीम इंडिया का संतुलन गड़बडा जाता है. उनके बिना बेहतरीन टीम इंडिया की कल्पना कम से कम अभी संभव नहीं है. पांड्या ने इसे बखूबी साबित किया. वे जब बैटिंग करने आए तो भारत का स्कोर 43.2 ओवर में 6 विकेट पर 190 रन था. पांड्या ने यहां से 22 गेंदों पर 45 रन की तूफानी पारी खेलकर भारत को 50 के पार पहुंचा दिया. सही मायने में उनकी पारी ने ही मैच का मोमेंटम भारत की ओर मोड़ दिया. पांड्या ने इसके बाद न्यूजीलैंड के सबसे अनुभवी और फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज रॉस टेलर को भी आउट किया.
मोहम्मद शमी ने वही किया, जो टीम चाहती थी
भारत ने न्यूजीलैंड को 253 रन का लक्ष्य दिया था. यह सुरक्षित नहीं, पर चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था. भारत को इस लक्ष्य को बचाने के लिए अच्छी शुरुआत की जरूरत थी. टीम इंडिया की यह मुराद मोहम्मद शमी ने पूरी की. उन्होंने न्यूजीलैंड के दोनों ओपनरों हेनरी निकोल्स (8) और कॉलिन मुनरो (24) को आउट कर भारतीय टीम को स्वर्णिम आगाज दिया. उन्होंने पांच ओवर के अपने पहले स्पेल में महज 14 रन देकर दो विकेट झटक लिए थे. न्यूजीलैंड उनके इन शुरुआती झटकों से अंत तक नहीं उबर सकी.
युजवेंद्र चहल ने संभाला स्पिन का मोर्चा
भारत ने इस मैच में एक ही स्पेशलिस्ट स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) को टीम में शामिल किया था. इस तरह बीच के ओवरों में विरोधी टीम पर शिकंजा कसने की सबसे अधिक जिम्मेदारी चहल की ही थी. लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने इस भूमिका को करीने से निभाया. उन्होंने 10 ओवर के अपने स्पेल में 43 रन देकर तीन विकेट झटके.
इन पांचों खिलाड़ियों के अलावा केदार जाधव (Kedar Jadhav) ने मैच में अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने बीच के ओवरों में 45 गेंदों पर 34 रन की अहम पारी खेली. जाधव ने विजय शंकर के आउट होने के बाद केदार जाधव के साथ 74 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की. इन दोनों ने इस साझेदारी की बदौलत भारत को 190 रन तक पहुंचाया, जो हार्दिक पांड्या के लिए अच्छा लॉन्चिंग पैड साबित हुआ. केदार जाधव ने न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन (39 रन) को भी आउट किया.