भारत को पाकिस्तान के खिलाफ 16 जून को वर्ल्ड कप का राउंड रोबिन मैच खेलना है.
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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि विश्व कप में पाकिस्तान के साथ मैच न खेलना आत्मसमर्पण से भी बदतर है क्योंकि यह बिना लड़ाई की हार होगी. पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों की मौत के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह की अगुआई में पाकिस्तान के पूर्ण क्रिकेट बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है. भारत को पाकिस्तान के खिलाफ 16 जून को विश्व कप का राउंड रोबिन मैच खेलना है.
शशि थरूर ने कहा, "साल 1999 के कारगिल युद्ध के समय भारत ने क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल की थी. इस साल मैच न खेलना एक आत्मसमर्पण से भी बदतर होगा, क्योंकि इसमें बिना किसी लड़ाई के हार होगी. अन्य कार्रवाई जो कि सरकार को करना चाहिए, उसका हमें क्रिकेट को विकल्प नहीं बनाना चाहिए.''
#WATCH Shashi Tharoor says, "In '1999 Kargil War, India played Pakistan in the cricket World Cup, & won. To forfeit the match this year would not just cost two points: it would be worse than a surrender, since it would be defeat without a fight." pic.twitter.com/yRIExUVJ4c
— ANI (@ANI) February 22, 2019
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का भी मानना है कि आगामी विश्व कप में पाकिस्तान का बहिष्कार करके भारत को नुकसान होगा. उन्होंने साथ ही कहा कि द्विपक्षीय सीरीज में खेलने से इनकार की नीति जारी रखते हुए भारत अपने विरोधी की परेशानी बढ़ा सकता है.
PAK से न खेलने की बजाए हम उसे मैच में हराकर वर्ल्ड कप में रोक सकते हैं: गावस्कर
गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘‘भारत अगर विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलने का फैसला करता है तो कौन जीतेगा? और मैं समीफाइनल और फाइनल की बात ही नहीं कर रहा. कौन जीतेगा? पाकिस्तान जीतेगा क्योंकि उसे दो अंक मिलेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने अब तक विश्व कप में हर बार पाकिस्तान को हराया है इसलिए हम असल में दो अंक गंवा रहे हैं जबकि पाकिस्तान को हराकर हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे प्रतियोगिता में आगे नहीं बढ़ें.’’
मांग ठुकराए जाने की संभावना
गावस्कर ने कहा कि अगर अटकलों के अनुसार बीसीसीआई इस मामले को आईसीसी के समक्ष उठाता है और पाकिस्तान को 30 मई से इंग्लैंड में शुरू हो रही प्रतियोगिता से बाहर करने की मांग करता है तो उसकी इस मांग को ठुकराए जाने की संभावना अधिक है. दुबई में 27 मार्च से दो मार्च के बीच होने वाली आईसीसी की बैठक के संदर्भ में गावस्कर ने कहा, ‘‘वे प्रयास कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं होगा. क्योंकि अन्य सदस्य देशों को इसे स्वीकार करना होगा और मुझे ऐसा होता नजर नहीं आता. मैं सुनिश्चित नहीं हूं कि आईसीसी का सम्मेलन इसके लिए सही मंच है.’’