1938 से 'अमर' वो रिकॉर्ड जिसे तोड़ना नामुमकिन! सचिन तेंदुलकर-विराट कोहली भी हुए फेल
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1938 से 'अमर' वो रिकॉर्ड जिसे तोड़ना नामुमकिन! सचिन तेंदुलकर-विराट कोहली भी हुए फेल

Unbreakable Cricket Record: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें रिकॉर्ड बनते हैं और टूटते रहते हैं. सुरक्षा को देखते हुए मौजूदा समय में ऐसे कई नियम लागू कर दिए गए, जिससे बल्लेबाजों को को फायदा हुआ. वह खतरनाक गेंदबाजों के सामने बेखौफ होकर खेल रहे हैं.

1938 से 'अमर' वो रिकॉर्ड जिसे तोड़ना नामुमकिन! सचिन तेंदुलकर-विराट कोहली भी हुए फेल

Unbreakable Cricket Record: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें रिकॉर्ड बनते हैं और टूटते रहते हैं. सुरक्षा को देखते हुए मौजूदा समय में ऐसे कई नियम लागू कर दिए गए, जिससे बल्लेबाजों को को फायदा हुआ. वह खतरनाक गेंदबाजों के सामने बेखौफ होकर खेल रहे हैं. हालांकि, पहले ऐसा नहीं था. बल्लेबाजों को खतरनाक से खतरनाक बॉलर का सामना करना पड़ता था. उनके पास बचने के भी ज्यादा उपाय नहीं थे. ऐसे में खिलाड़ी काफी चोटिल होते थे. उस दौर में एक खिलाड़ी ने बॉलर्स की हेकड़ी निकाल दी थी.

क्रिकेट की दुनिया का 'डॉन'

उस युग में एक ऐसा खिलाड़ी था जिसने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी. उस खिलाड़ी को 'बल्ले का जादूगर', 'क्रिकेट का बॉस' और 'द डॉन' भी कहा जाता है. वह प्लेयर का जन्म 27 अगस्त 1908 को हुआ था. उसने क्रिकेट की दुनिया में ऐसे कई रिकॉर्ड बनाए जो अब तक कायम है. हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन की.

बैटिंग से कर दिया हैरान

ब्रैडमैन सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं थे, बल्कि क्रिकेट के इतिहास में एक लीजेंड थे. उन्होंने क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और अपनी बल्लेबाजी से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध किया. उनका औसत 99.94 था, जो क्रिकेट के इतिहास में सबसे बेहतर औसत है. ब्रैडमैन ने न केवल ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए कई रिकॉर्ड बनाए. हम आपको यहां उनके ऐसे रिकॉर्ड के बारे में बता रहे हैं जिसे तोड़ना काफी मुश्किल है. यह 86 साल से अब तक कायम है.

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अब तक कायम है यह रिकॉर्ड

ब्रैडमैन टेस्ट क्रिकेट में लगातार सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी हैं. उन्होंने 1937-38 में लगातार 6 टेस्ट मैचों में शतक लगाए थे. यह रिकॉर्ड अब तक कायम है. इसके करीब सिर्फ तीन खिलाड़ी पहुंच पाए हैं. हैरानी की बात है कि इसमें भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली का नाम नहीं है. इसके करीब पहुंचने वाले प्लेयर्स में साउथ अफ्रीका के जैक्स कैलिस (5 शतक), पाकिस्तान के मोहम्मद यूसुफ (5 शतक) और भारत के गौतम गंभीर (5 शतक) हैं.

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ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में मचाई थी तबाही

ब्रैडमैन ने 1 जनवरी 1937 को मेलबर्न में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हुए टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 270 रन बनाए थे. उसके बाद 29 जनवरी को शुरू हुए मुकाबले में एडिलेड क्रिकेट ग्राउंड पर दूसरी पारी में उन्होंने 212 रन ठोक दिए. ब्रैडमैन लगातार दो दोहरे शतक के बावजूद नहीं रुके. उन्होंने 26 फरवरी को मेलबर्न में शुरू हुए मुकाबले की पहली पारी में 169 रन बनाए. इसके बाद जून 1938 में ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड गई तो नॉटिंघम में 10 जून को मुकाबला शुरू हुआ. इस टेस्ट की दूसरी पारी में ब्रैडमैन ने नाबाद 144 रन बना दिए. 24 जून को लॉर्ड्स में मुकाबला शुरू हुआ. इस मैच में उन्होंने नाबाद 102 और फिर 22 जुलाई को लीडर्स में शुरू हुए मैच की पहली पारी में 103 रन बना डाले.

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एक खास रिकॉर्ड और दर्ज

ब्रैडमैन ने 1928 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था. उन्होंने कंगारू टीम के लिए 52 मुकाबले खेले. इस दौरान 80 पारियों में 99.94 की औसत से 6996 रन बनाए. उन्होंने 29 शतक और 13 अर्धशतक लगाए. ब्रैडमैन ने अपने डेब्यू के 2 साल बाद यानि 1930 में एक महारिकॉर्ड बनाया जो अब तक नहीं टूटा है. वह टेस्ट इतिहास में एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बने. उनके इस रिकॉर्ड के करीब भी अब तक कोई नहीं पहुंच पाया है. उन्होंने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 974 रन बना डाले थे. यह रिकॉर्ड अब तक कायम है.

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