लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सशस्त्र बलों के सम्मान की यह पहल की है.
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रांची/नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार (8 मार्च) को तीसरे वनडे मैच में आर्मी कैप पहनकर खेल रही है. यह टोपियां खुद महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों को सौंपी, जिन्हें खुद लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद पद हासिल है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय सेना के पराक्रम, बलिदान और साहस का सम्मान करते हुए यह कदम उठाया है. इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के 'पिंक टेस्ट' और दक्षिण अफ्रीका के 'पिंक वनडे' के तर्ज पर अब टीम इंडिया हर साल एक मैच ऐसी कैप पहनकर खेलेगी. इसका मकसद सेना का सम्मान और उसके द्वारा दिए गए बलिदान को श्रद्धांजलि देना है.
बताया जा रहा है कि इस मुहिम की पहल लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी और भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने की है. यह मुहिम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही पांच मैचों की सीरीज के तीसरे वनडे से शुरू हो रही है. घरेलू मैदान पर खेल रहे एमएस धोनी ने सबसे पहले यह कैप कप्तान विराट कोहली और फिर उप कप्तान रोहित शर्मा को सौंपी. केदार जाधव ने कैप पहनने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी को सैल्यूट भी किया.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि धोनी का सेना के प्रति प्यार जगजाहिर है. उन्होंने कहा, ‘यह बहुत अच्छी बात है कि इस वार्षिक कार्यक्रम की शुरुआत लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी के गृहनगर से हो रही है क्योंकि यह कोई दिखावे के लिए नहीं है. यह एक ईमानदार मुहिम है. मेरे लिए, सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता दर्शाती आज की सांकेतिक मुहिम बीसीसीआई के दान देने से ज्यादा सशक्त है.’
#TeamIndia will be sporting camouflage caps today as mark of tribute to the loss of lives in Pulwama terror attack and the armed forces
And to encourage countrymen to donate to the National Defence Fund for taking care of the education of the dependents of the martyrs #JaiHind pic.twitter.com/fvFxHG20vi
— BCCI (@BCCI) March 8, 2019
भारतीय कॉमेंटेटरों ने भी आर्मी कैप पहनकर कॉमेंट्री की. पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने सभी पूर्व क्रिकेटरों को यह कैप सौंपी. इस विचार को विस्तार से बताते हुए अधिकारी ने कहा, ‘इस विचार के बीच मकसद सेना और उनके परिवार को श्रद्धांजलि देना है. साथ ही देशवासियों को राष्ट्रीय रक्षा कोष में सहयोग देने के लिए प्रेरित करना है ताकि शहीदों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाया जा सके.’
करीबी सूत्रों ने बताया कि धोनी और कोहली ने इसके लिए खेल उत्पाद बनाने वाली कंपनी नाइकी के साथ मिलकर काम किया है. अधिकारी ने कहा, ‘यह दोनों हमारे साझेदार नाइकी के साथ मिलकर बीते छह महीनों से इस मुहिम पर काम कर रहे थे.’
(इनपुट: आईएएनएस)