VIDEO: जब भी चेतन शर्मा का नाम आएगा, जावेद मियांदाद का छक्का जरूर याद आएगा
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VIDEO: जब भी चेतन शर्मा का नाम आएगा, जावेद मियांदाद का छक्का जरूर याद आएगा

भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों के लिए 18 अप्रैल का दिन बेहद ही अहम है.

आज ही के दिन चेतन शर्मा की गेंद पर जावेद मियांदाद ने जड़ा था सिक्स (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: 18 अप्रैल 1986, यह वही तारीख है, जिसे भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा कभी नहीं भूल पाएंगे. सिर्फ चेतन शर्मा ही नहीं, बल्कि इस दिन को कोई भारतीय क्रिकेट फैन नहीं भूल पाएगा. भारत के लिए 23 टेस्ट और 65 वनडे खेलने वाले चेतन शर्मा का जिक्र जब भी किया जाता है तो उन्हें सिर्फ दो ही बातों के लिए याद किया जाता है. उनके क्रिकेट करियर से जुड़े इन दो पलों में एक गम का पल और एक खुशी का. यह गम का पल 18 अप्रैल का था, जब पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का जड़कर भारत को हराया था. 

  1. चेतन शर्मा को क्रिकेट इतिहास में सिर्फ दो चीजों के लिए याद किया जाता है
  2. ऑस्ट्रेलिया एशिया कप में उनकी आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का मारा था
  3. 1987 के विश्व कप में चेतन शर्मा हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज थे

1986 में ऑस्ट्रेलिया एशिया कप का फाइनल शारजाह में खेला जा रहा था. भारत और पाकिस्तान दोनों आमने सामने थे. भारत ने पाकिस्तान को 246 रनों का लक्ष्य दिया. इस रोमांचक मैच में पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी गेंद पर चार रन बनाने थे. गेंदबाज थे चेतन शर्मा. जावेद मियांदाद ने चेतन की गेंद पर शानदार छक्का लगाकर अपनी टीम को जीत दिला दी. इसके बाद हर भारतीय फैन की आंखों में आंसू थे.

जावेद मियांदाद ने चेतन की गेंद पर शानदार छक्का लगाकर अपनी टीम को जीत दिला दी. भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमियों के लिए 18 अप्रैल का दिन बेहद ही अहम है. इस तारीख को जावेद मियांदाद के छक्के और चेतन शर्मा के फुलटॉस के लिए याद किया जाता रहा है. मैच जीतने के लिए पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर चार रन की जरूरत थी. गेंद चेतन शर्मा के हाथों में थी और सामने क्रीज पर मियांदाद. शर्मा ने यॉर्कर लेंथ गेंद डालने की कोशिश की पर यह फुलटॉस चली गई और मियांदाद मौका नहीं चूके. उन्होंने गेंद को 6 रनों के लिए बाउंड्री पार पहुंचा दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान ने किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार भारत को हरा दिया.

जावेद ने इस छक्के का जिक्र अपनी आत्मकथा में करते हुए लिखा, मैं जानता था कि चेतन यॉर्कर फेंकने की कोशिश करेंगे, इसलिए मैं पहले ही क्रीज से बाहर आ गया और गेंद को फुलटॉस बनाकर उसे सीमा के बाहर कर दिया. चेतन शर्मा इस छक्के को शायद ही कभी भूल पाएंगे. 

लेकिन कहते हैं क्रिकेट उतार-चढ़ाव का खेल है. इसमें खिलाड़ियों के लिए अगर बुरा दिन आता है तो अच्छा दिन भी आता है और चेतन शर्मा के क्रिकेट करियर में अच्छा दिन एक साल बाद वापस आया, जब उन्होंने 1987 के विश्व कप में हैट्रिक ली. भारत और न्यूजीलैंड के बीच चल रहे मैच में चेतन शर्मा की हैट्रिक ने जावेद मियांदाद के उस छक्के के दर्द को कम करने में काफी मदद की. 

चेतन शर्मा ने ने केन रदरफोर्ड, ईयान स्मिथ और चेटफील्ड को आउट किया. इस उपलब्धि के साथ ही चेतन शर्मा हैट्रिक लेने वाले भारत के पहले ऐसे गेंदबाज बन गए. वह विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज थे.

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