फुटबॉल क्लब बासेल का लक्ष्य आने वाले समय में भारत में विश्वस्तरीय फुटबॉल खिलाड़ी बनाने का है.
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नई दिल्ली: आई-लीग क्लब चेन्नई सिटी एफसी के साथ करार करने के बाद फुटबॉल क्लब बासेल का लक्ष्य आने वाले समय में भारत में विश्वस्तरीय फुटबॉल खिलाड़ी बनाने का है. चेन्नई के साथ बासेल साझेदारी करके कई चीजें करेगा जिसमें कोयम्बटूर में आवासीय युवा अकादमी और तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर फुटबॉल स्कूल खोलना शामिल है. बासेल ने मोहम्मद सलाह, जारदान शकीरी और इवान रैकेटिक जैसे ग्लोबल सुपरस्टार बनाए हैं.
बासेल के अध्यक्ष बर्नहार्ड बर्गेनर ने कहा, "शिक्षा जरूरी है. यूरोप में दो वर्ग हैं. कई चीजें धन से चलती हैं, अमीर क्लब शीर्ष पर हैं. बासेल में हमारी उपलब्धि यह है कि हम यूरोप में शीर्ष 20 क्लबों में शामिल हैं लेकिन हम धन से उनका मुकाबला नहीं कर सकते. हम अपनी फुटबॉल की शिक्षा के जरिए अच्छे खिलाड़ियों को बनाकर उनकी बराबरी करने का प्रयास करते हैं. यूरोप बहुत कम ही ऐसे क्लब हैं जिसने इतने सारे खिलाड़ियों को बेचा हो."
बर्गेनर ने कहा, "मोहम्मद सलाह 20 साल के थे जब वह बासेल आए थे. उन्हें यहां फुटबॉल की शिक्षा दी गई और अब वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं. शकीरी भी हमारी अकादमी से हैं और अब वह लिवरपूल के लिए खेलते हैं."
उन्होंने कहा, "यह सबकुछ एक रात में नहीं होगा. अगर एक युवा खिलाड़ी के पास भी क्षमता है तो उसे बनाने में कई वर्ष लगेंगे. हमारे बेहतरीन लोग यहां होंगे और हमारी अकादमी के मैनेजर कार्यक्रम की देखरेख करेंगे."
Today we can announce, that FC Basel has acquired a minority stake of the Indian football club @ChennaiCityFC and will launch a close partnership with the club. More info here https://t.co/5x4Rw7cNcy #FCBasel1893 #zämmestark pic.twitter.com/OTMw3gvItS
— FC Basel 1893 (@FC_Basel_en) February 6, 2019
बासेल अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चेन्नई के साथ उनकी साझेदारी से भारतीय फुटबॉल में बदलाव आएगा, खासकर तमिलनाडु़ में.
बर्गेनर ने कहा, "फुटबॉल के लिए इस स्थानीय जुनून का होना जरूरी है. जिस क्षण से आप चलना सीखते हैं, वह जुनून ही होता है जो आपको खेल के लिए प्रेरित करता है. जब हमने चेन्नई सिटी के साथ साझेदारी पर हस्ताक्षर किए तो हमारा प्राथमिक लक्ष्य भारत में अपनी पहली अकादमी स्थापित करना था."
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि भारत फुटबॉल का अगला गढ़ होगा. वह फिलहाल, नींद में है. भारत में हर कोई क्रिकेट से प्यार करता है, क्रिकेट यहां नंबर वन खेल है. यूरोप में फुटबॉल नंबर वन है. दोनों खेलों का जन्म इंग्लैंड में हुआ था. इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि क्रिकेट की तरह, भारत फुटबॉल में नंबर वन बन जाएगा."
(इनपुट-आईएएनएस)