Football: कतर को वर्ल्ड कप की मेजबानी देने के मामले में फ्रांस के प्लाटिनी गिरफ्तार
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Football: कतर को वर्ल्ड कप की मेजबानी देने के मामले में फ्रांस के प्लाटिनी गिरफ्तार

कतर को 2022 के फीफा विश्व कप (Fifa World Cup 2022) की मेजबानी करनी है. 

फ्रांस के माइकल प्लाटिनी यूरोपीय फुटबॉल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. (फोटो: Reuters)

पेरिस: कतर को फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी दिए जाने के मामले में भ्रष्टाचार का मामला गिरफ्तारी तक पहुंच गया है. यूईएफए के पूर्व अध्यक्ष और फ्रांस के पूर्व मिडफील्डर माइकल प्लाटिनी को इस मामले में हुए भ्रष्टाचार में शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार कर लिया गया है. प्लाटिनी को स्थानीय समय के मुताबिक सुबह के करीब 9.30 बजे फ्रांस की न्यायिक पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारियों ने गिरफ्तार किया. कतर को 2022 के फीफा विश्व कप की मेजबानी करनी है. 

कतर को 2010 में विवादों के बीच विश्व कप की मेजबानी सौंपी गई थी. इसी समय रूस को 2018 में हुए विश्व कप का मेजबान भी बनाया गया. हालांकि, माइकल प्लाटिनी ने किसी भी प्रकार का गलत काम करने से इंकार किया है. 

2007 से 2015 तक यूईएफए के अध्यक्ष रहने वाले माइकल प्लाटिनी ने 2011 में फीस ली थी और उन्हें संगठन की आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए चार साल के बर्खास्त कर दिया गया था जो अक्टूबर में खत्म होगा. उन्होंने तब के फीफा अध्यक्ष जोसप ब्लैटर द्वारा कहने के बाद फीस ली. साल 1998 से 2002 के बीच में हुए काम की कुल कीमत 18 लाख यूरो थी. 

माइकल प्लाटिनी और ब्लैटर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप 2015 में हट गए थे. उन्हें और कई नियम तोड़ने का दोषी पाया गया जिसमें हितों के टकराव का मामला भी शामिल है. 2011 में ब्लैटर ने प्लाटिनी को 20 लाख स्विस फ्रांक ट्रांसफर किए. 

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के खेल सलाहकार सोफी डियोन और एलिसी पैलेस के पूर्व महासचिव क्लाउड गुयंट को भी कथित तौर पर गवाही देने के लिए कहा गया था. 2016 में फ्रांस के राष्ट्रीय वित्तीय अभियोजक ने कतर को मेजबानी देने के मामले में कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू की जिसके लिए दिसंबर 2017 में प्लाटिनी ने पहले गवाह के रूप में गवाही दी.

नवंबर 2010 में कतर के अधिकारियों और सरकोजी एवं प्लाटिनी के बीच एलिसी पैलेस में बैठक हुई जिसमें गुयंट और डायोन भी शामिल थे. प्लेटिनी ने कतर के लिए अपना वोट डालने से कुछ दिन पहले पूर्व फुटबाल अधिकारी मोहम्मद बिन हम्माम के साथ गुप्त रूप से एक बैठक आयोजित करने की बात मानी, लेकिन यह सुनिश्चित किया कि इससे उनके फैसले पर कोई असर नहीं पड़ा. प्लैटिनी और ब्लैटर दोनों को 2015 में अपने पदों से बर्खास्त कर दिया गया था. 

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