टोक्यो ओलंपिक 2020: मेडल्स बनाने के लिए स्मार्टफोन से निकाला गया है सोना-चांदी
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टोक्यो ओलंपिक 2020: मेडल्स बनाने के लिए स्मार्टफोन से निकाला गया है सोना-चांदी

आयोजकों का ये प्रयास गेम्स को ज्यादा से ज्यादा इको फ्रैंडली बनाने का है. ओलंपिक मशाल रिले के लिए वर्दी भी रिसाइकिल्ड प्लास्टिक बोतलों से बनाई गई है. 

यहां तक कि गेम्स में खिलाड़ियों को जिस पोडियम पर मेडल दिए जाएंगे, वो भी ईवेस्ट से बने होंगे.

किरन चोपड़ा/टोक्यो: आज से ठीक एक साल बाद टोक्यो में ओलंपिक खेलों का आगाज़ किया जाएगा. एक साल बाकी रहने के मौके पर बुधवार को टोक्यो ओलंपिक के मेडल्स का औपचारिक तौर पर अनावरण किया गया. टोक्यो ओलंपिक के लिए बने ये मेडल्स अपने आप में अलग और खास हैं. टोक्यो ओलंपिक के मेडल्स को पूरी तरह RECYCLED उपभोक्ता उपकरणों से बनाया गया है. साथ ही इसका डिज़ाइन भी एक कॉम्पीटिशन के ज़रिए चुना गया है. जिनमें 400 से ज्यादा जापान के लोगों ने हिस्सा लिया था.

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स्मार्टफोन से बने हैं मेडल्स
आयोजकों के मुताबिक ये पहली बार है कि जब SUSTAINABLE मेडल्स बनाए गए हैं. खास बात ये हैं कि इन मेडल्स को बनाने में बड़ी संख्या में मोबाइल्स का इस्तेमाल किया गया है. जापान के लोगों ने दो सालों में करीब 6.2 करोड़ मोबाइल दान किए जिनमें से 32 किलोग्राम सोने को EXTRACT किया गया. इसके अलावा उन्होंने 5,000 ओलंपिक और पैरालंपिक पदक बनाने के लिए 3.5 टन चांदी और 2.2 टन कांस्य इन्हीं इलेक्ट्रोनिक डिवाइज़ से निकाली. इन मेडल्स को बनाने के लिए टोक्यो ओलंपिक organising कमेटी ने TOKYO 2020 मेडल प्रोजेक्ट के नाम से एक मुहिम शुरु की थी जिसमें जापान के लोगों से छोटे इलेक्ट्रिक उपकऱण इकट्ठे किए गए थे.

 

इस पूरी मुहिम में जापान के 90 प्रतिशत से ज्यादा स्थानीय अधिकारियों ने भाग लिया. जिसमें 78 हज़ार 985 टन त्याग किए गए उपकरणों को इकट्ठा किया गया. इसमें 6.2 करोड़ इस्तेमाल किए मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, हैंडहेल्ड गेम्स और लैपटॉप शामिल थे. इन सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़ को विघटित और उच्च प्रशिक्षित ठेकेदारों द्वारा पिघलाया गया. रियो ओलंपिक के मेडल्स को बनाने में भी RECYCLED सामान इस्तेमाल किया गया था लेकिन इतने बड़े स्तर पर नहीं. उसमें मेडल्स का 30 प्रतिशत हिस्सा RECYCLED सामान से बना था. 

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इको फ्रेंडली टोक्यो गेम्स
आयोजकों का ये प्रयास गेम्स को ज्यादा से ज्यादा ENVIRONMENT FRIENDLY बनाने का है. ओलंपिक मशाल रिले के लिए वर्दी भी RECYCLED प्लास्टिक बोतलों से बनाई गई है. यहां तक कि गेम्स में खिलाड़ियों को जिस पोडियम पर मेडल दिए जाएंगे, वो भी ईवेस्ट से बने होंगे. उसके लिए घरों से प्लास्टिक को इकट्ठा किया जाएगा और समुद्री प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा. इस मुहिम में भी लोगों ने अपने घरों से 45 टन प्लास्टिक का दान किया है. इससे गेम्स के लिए 100 पोडियम को बनाया जाएगा.

टोक्यो 2020 मेडल प्रोजेक्ट के आयोजक उम्मीद कर रहे हैं कि एक स्थायी समाज के लिए ये ड्राइव खुद ओलंपिक पदक के साथ समाप्त नहीं होगी. अब वे व्यवसाय के मालिकों, स्थानीय अधिकारियों और जापानी जनता से घरेलू उपकरणों का दान जारी रखने, सामुदायिक उद्देश्यों के लिए धातु का पुन: उपयोग करने, जापान भर में स्थानीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए पदक बनाने सहित धातु का पुन: उपयोग करने का आह्वान कर रहे हैं.

कॉम्पीटिशन के ज़रिए चुने गए डिज़ाइन
यहां तक कि मेडल के डिजाइन के लिए भी लोगों से आइडिया मांगे गए थे. जापान के मुताबिक मेडल को बनाने और डिजाइन से जुड़ी हर चीज में वो जापान के नागरिकों को जोड़ना चाहते थे. एक बड़े सेलेक्शन पैनल ने एक कठिन प्रतियोगिता के ज़रिए फाइनल मेडल के डिज़ाइन को चुना. अंत में ओसाका डिज़ाइन सोसाइटी के निदेशक Junichi Kawanishi का डिज़ाइन चुना गया.

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अपने डिज़ाइन को जीतते देख कावानिशी ने कहा, "यह एक बड़ा सम्मान है कि मेरे डिजाइन को टोक्यो 2020 ओलंपिक पदक के लिए चुना गया. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इस जीवन भर की घटना के लिए एक स्मारक के रूप में प्रस्तुत किया गया डिज़ाइन वास्तव में चुना जाएगा. मुझे उम्मीद है कि इन पदकों को एथलीटों के प्रयासों को श्रद्धांजलि देते हुए, उनकी महिमा को बताते हुए और दोस्ती के प्रतीक के रूप में देखा जाएगा.'' बता दें कि टोक्यो ओलंपिक 24 जुलाई 2020 से 9 अगस्त 2020 के बीच होंगे. 

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