ISL 2019: बेंगलुरु एफसी के लिए तुरुप का इक्का साबित हुए भारतीय खिलाड़ी
Advertisement
trendingNow1507724

ISL 2019: बेंगलुरु एफसी के लिए तुरुप का इक्का साबित हुए भारतीय खिलाड़ी

बेंगलुरु ने एफसी गोवा को 1-0 से हराकर पहली बार यह खिताब जीता और उसकी 1-0 की जीत के हीरो भारतीय खिलाड़ी राहुल भेके रहे.

सुपर कप विजेता बेंगलुरु ने पूरे सीजन के दौरान अपने प्रदर्शन की निरंतरता को बनाए रखा. (फोटो: IANS)

मुंबई: बेंगलुरु एफसी बिना किसी शक के हीरो इंडियन सुपर लीग चैंपियन बनने के हकदार थे. रविवार को बेंगलुरु ने एफसी गोवा को 1-0 से हराकर पहली बार यह खिताब जीता और उसकी 1-0 की जीत के हीरो भारतीय खिलाड़ी राहुल भेके रहे, जिन्होंने अपने करियर का सबसे बेशकीमती गोल करते हुए दूसरे प्रयास में ही बेंगलुरु को चैम्पियन का ताज पहना दिया. बेंगलुरु को यह जीत हालांकि आसानी से नहीं मिली क्योंकि गोवा ने बेहतरीन खेल दिखाया. सुपर कप विजेता बेंगलुरु ने पूरे सीजन के दौरान अपने प्रदर्शन की निरंतरता को बनाए रखा और सही समय पर सटीक हमला करते हुए गोवा को दूसरी बार खिताबी जीत से महरूम रखा.

बेंगलुरु ने खिताब तक के सफर में विपक्षी टीम के हर सवाल का सटीक जवाब दिया. इश टीम ने दबाव में अच्छा खेल दिखाया और काउंटर अटैक का बेहतरीन नजारा पेश किया. कई मौकों पर विपक्षी टीम उस पर हावी होती दिखी लेकिन इसके बावजूद इस टीम ने दबाव को झेलते हुए खिताब तक का रास्ता तय किया.

सुनील छेत्री और एरिक पार्टालू जैसे खिलाड़ियों के रहते बेंगलुरु ने कई मौकों पर अहम जीत हासिल की. इसी तरह का एक वायया गोवा के साथ हुआ था लेकिन 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहे होने के बावजूद उसने 3-0 की यादगार जीत हासिल की थी.

ISL 2019: गोवा को हराकर चैंपियन बना बेंगलुरु, कप्तान सुनील छेत्री ने दिया ये बयान

इस टीम ने कई अच्छे कमबैक किए. सबसे यादगार कमबैक प्लेऑफ में नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी के खिलाफ रहा, जहां पहले चरण में 1-2 से हारने के बाद इस टीम ने दूसरे चरण में जीत हासिल करते हुए फाइनल के लिए स्थान सुरक्षित किया.

कोच चार्ल्स कुआडार्ट ने इस टीम को पजेशन बेस्ड सिस्टम के लिए तैयार किया और इसके विकास के लिए काफी व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाया. 50 साल के चार्ल्स ने एक ऐसी टीम के साथ खूब मेहनत किया, जिसके पास बीते सीजन के दौरान गहराई नहीं थी. इस सीजन में उसके कई खिलाड़ी मसलन मीकू और पार्टालू चोटिल रहे लेकिन बावजूद इसके बेंगलुरु की टीम ने अपना सफर जारी रखा.

बेंगलुरु टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे सीजन के दौरान शानदार खेल दिखाया. दूसरी टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ी इस तरह की चमक नहीं दिखा सके. उदांता सिंह, सुनील छेत्री, राहुल भेके, गुरप्रीत सिंह संधू ने आगे आकर टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी ली और उसकी खिताबी जीत के नायक बने.

उदांता ने इस सीजन में पांच गोल किए और इस छोर की जिम्मेदारी को बखूबी सम्भाले रखा. छेत्री ने कप्तान के तौर पर बेहतरीन काम किया और गुरप्रीत ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता. भेके ने अतिरिक्त समय में गोल करते हुए पेनाल्टी शूटआउट की सम्भावना को टाल दिया, जिसमें कुछ भी हो सकता था.

जहां तक विदेशी खिलाड़ियों की बात है तो जुआनन ने डिफेंस में बेहतरीन काम किया और लगातार संयम के साथ पोस्ट की रक्षा की. गोल्डन बूट जीतने वाले फेरान कोरोमिनास को जुआनन ने सफल नहीं होने दिया.

बेंगलुरु के कोच कुआडार्ट ने खिताबी जीत के बाद कहा, "भारतीय डिफेंडर्स राहुल भेकेस, नीशू कुमार और हर्मनजोत खाबरा ने जिस तरह का प्रदर्शनि किया, मैं उससे काफी खुश हूं. हमने एक ऑफेंसिंव गेम की तैयारी की थी और मैं खुश हूं कि हमारा यह आइडिया काम कर गया. गोवा को अधिक मौके नहीं मिल रहे थे क्योंकि फेरान हमारे खिलाफ अच्छा नहीं खेले. तीन मैचों में हमने उन्हें कुछ चमत्कार नहीं करने दिया. हमें अपने डिफेंसिंव वर्क पर भी खुश होना चाहिए."

 

Trending news