Team India में चुने जाने पर इमोशनल हो गए थे Arzan Nagwaswalla, कहा-'मैंने माता-पिता को कसकर गले लगा लिया'
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Team India में चुने जाने पर इमोशनल हो गए थे Arzan Nagwaswalla, कहा-'मैंने माता-पिता को कसकर गले लगा लिया'

अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagwaswalla) गुजरात (Gujarat) के वलसाड (Valsad) जिले के नारगोल (Nargol) गांव से संबंध रखते हैं. उन्होंने अपने राज्य के लिए 16 फर्स्ट क्लास, 20 लिस्ट ए और 15 टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश: 62, 39 और 21 विकेट हासिल किए हैं.

अर्जन नागवासवाला (फोटो-BCCI)

नई दिल्ली: बीसीसीआई (BCCI) ने बीते शुक्रवार को इस साल जून में होने वाली आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (ICC World Test Championship Final) के लिए भारत की टेस्ट टीम का ऐलान कर दिया है. इसी के साथ ही इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भी टेस्ट टीम चुनी गई है. इस लिस्ट में कुछ नए चेहरे को जगह दी गई जिनमें से एक हैं अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagwaswalla).

  1. गुजरात के अर्जन नागवासवाला ने रचा इतिहास
  2. टीम इंडिया के स्टैंड बाय प्लेयर बने गवासवाला
  3. सेलेक्शन की खबर के बाद इमोशनल हुए अर्जन

सेलेक्ट होने पर हैरान रह गए अर्जन

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagwaswalla) गुजरात (Gujarat) के वालसाड (Valsad) में अपने गांव नारगोल (Nargol) में उस समय बेबाक रह गए जब उन्हें पता चला कि उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में उन्हें स्टैंडबाय गेंदबाज के रूप में चुना गया है.

 

 

 

सबसे पहले माता-पिता को फोन किया

अर्जन नागवासवाला ने शनिवार को नारगोल से आईएएनएस से कहा, 'इस खबर को सुनने के बाद मैंने सबसे पहले मां और पिताजी को फोन किया. मैं बहुत रोमांचित था. मैं सड़क पर नहीं रुक सकता था क्योंकि कोविड-19 प्रोटोकॉल आपको कार से बाहर निकलने की इजाजत नहीं देता है.' 23 साल के नागवासवाला दिल्ली से लौट गए हैं, यहां वो आईपीएल 2021  के दौरान मुंबई इंडियंस के साथ गेंदबाज के रूप में जुड़े हुए थे.

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'खुद पर था भरोसा'

अर्जन नागवासवाला (Arzan Nagwaswalla) ने कहा, 'मैं थक गया था. आखिर में मैं इतना थक गया था कि मैं मुश्किल से कॉल उठा सकता था और बात कर सकता था. मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी. हर किसी को भरोसा था कि मुझे एक दिन न एक मौका मिलेगा. मुझमें भी वो कॉन्फिडेंस था. लेकिन यह बहुत अप्रत्याशित और हैरान करने वाला था.

माता पिता को लगा लिया गले

नागवासवाला खुद को बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मानते हैं, जिसका फायदा यह है कि उन्हें गेंद को घूमाने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, 'हो सकता है कि मैं बाएं हाथ का तेज गेंदबाज हू. घर पहुंचने के बाद मैंने अपने माता-पिता को कसकर गले लगाया. मेरे दोस्त, जो दरवाजे पर मेरा इंतजार कर रहे थे.'

अर्जन का डोमेस्टिक रिकॉर्ड

रणजी ट्रॉफी में गुजरात के लिए खेलने वाले तेज गेंदबाज ने 16 प्रथम श्रेणी मैचों में 62 विकेट लिए हैं. इसके अलावा उन्होंने 2019-20 के रणजी ट्रॉफी सीजन में आठ मैचों में 41 विकेट चटकाए हैं. गुजरात के पूर्व कोच विजय पटेल ने उन्हें स्विंग गेंदबाज कहा है.  तेज गेंदबाज ने कहा, 'मैं एक स्विंग गेंदबाज हूं. मेरी स्पीड 130-135 है, लेकिन मैं गेंद को स्विंग करने की कोशिश करता हूं.'

'जहीर खान से सीखने को मिला'

नागवासवाला का सपना उस समय सच हो गया, जब उन्हें पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज और मुंबई इंडियंस के क्रिकेट संचालन जहीर खान के साथ कुछ सीखने को मिला. उन्होंने कहा, " उन्होंने गेंदबाजी के पहलू पर ज्यादा कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह ठीक है. जहीर सर ने कहा कि अगर आप अच्छी तरह से ट्रेनिंग करते हैं, तो आप अपनी गेंदबाजी में ज्यादा फायदा देखेंगे. उन्होंने मुझे अच्छी तरह से प्रशिक्षित करने के लिए कहा. उन्होंने मुझे कुछ तकनीकी बातें भी बताईं.'

 

 

46 साल बाद टीम इंडिया में पारसी क्रिकेटर

नागवासवाला ने कहा, " मैं बाएं हाथ का था. यह मेरा फायदा था. हमारे जिले या यहां तक कि राज्य स्तर पर भी हमारे पास बहुत सारे बाएं हाथ के बल्लेबाज नहीं थे. मैं जहीर सर को देखता था और मुझे तेज गेंदबाजी में दिलचस्पी थी.' नागवासवाला 46 साल बाद पारसी समुदाय से भारत के मुख्य टीम में पहला क्रिकेटर बन सकते हैं, उनसे पहले 1975 में फारूख इंजीनियर थे.

क्रिकेट में पारसियों का योगदान

नागवासवाला ने कहा, 'पारसियों द्वारा क्रिकेट और भारत के लिए खेलने वाले क्रिकेटरों के योगदान के बारे में पता है. जैसा कि मैंने रणजी ट्रॉफी खेलना शुरू किया, मुझे एहसास हुआ कि मैं अकेला था. जिस दिन मैंने रणजी ट्रॉफी खेली, मुझे पता चला कि उस समय रणजी ट्रॉफी में कोई पारसी क्रिकेटर नहीं खेल रहा था.'

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