दोनों देशों के बीच हुई शीर्ष स्तर की बैठक के बाद संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘दक्षिण और उत्तर कोरिया ने 2032 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने को लेकर चर्चा करने पर सहमत हुए है.''
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सियोल: ओलंपिक खेलों 2032 की संयुक्त मेजबानी की दावेदारी की योजना पर चर्चा करने के लिए उत्तर और दक्षिण कोरिया के अधिकारी इस महीने चर्चा करेंगे. पिछले महीने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे ईन के बीच हुई मुलाकात के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में इसका जिक्र किया गया था.
सोमवार को दोनों देशों के बीच हुई शीर्ष स्तर की बैठक के बाद संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘दक्षिण और उत्तर कोरिया ने 2032 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने को लेकर चर्चा करने पर सहमत हुए है. इस महीने के आखिर में इस सिलसिले में दोनों देश के अधिकारी मुलाकात करेंगे.’’
इससे पहले 1988 में सियोल में हुए ओलंपिक खेलों का उत्तर कोरिया ने विरोध किया था. बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) आगामी ओलम्पिक खेलों के आयोजन से सात साल पहले मेजबान शहरों की घोषणा नहीं कर सकती. ऐसे में दोनों कोरियाई देशों के पास संयुक्त दावेदारी पेश करने हेतु 2025 तक का समय है.
उल्लेखनीय है कि जर्मनी ने पहले ही 2032 ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने की घोषणा कर दी है. इसके अलावा, भारतीय ओलम्पिक समिति ने भी इन ओलम्पिक खेलों की मेजबानी में रुचि दिखाई है.
इस महत्वाकांक्षी योजना से दोनों टीमों के बीच बेहतर राजनयिक संबंध की उम्मीद बंधी है, जिसके लिए मंच इस साल दक्षिण कोरिया में शीतकालीन ओलंपिक के दौरान तैयार हुआ था. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन के बीच प्योंगयांग शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान में इस विचार को जगह दी गई थी. इसे हकीकत बनाने के लिए हालांकि लंबे समय से विभाजित इन दोनों मुल्कों के बीच अभूतपूर्व स्तर के सहयोग और आपसी विश्वास की जरूरत होगी.
बयान के अनुसार, ''दक्षिण और उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सर्किय रूप से संयुक्त प्रतिस्पर्धा के लिए राजी हो गए हैं जिसमें 2020 ओलंपिक भी शामिल है. इसके अलावा 2032 ओलंपिक खेलों की दक्षिण-उत्तर की संयुक्त मेजबानी की दावेदारी में भी सहयोग करेंगे.''