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नई दिल्ली : बरसों पहले दिल्ली नगर निगम को जनता के करीब लाने की कोशिश अब जल्द ही रंग लाने वाली है. दरअसल, एमसीडी के सभी विभाग शीघ्र ही ऑनलाइन हो जाएंगे. इस बाबत सिविक सेंटर में डाटा सेंटर शुरू कर दिया गया है. ई-गवर्नेंस का लगभग 95 फीसदी कार्य भी पूरा हो गया है.
शिक्षा, स्वास्थ्य, संपत्ति कर और लाइसेंसिंग सहित 17 विभागों को इस सेवा से जोड़ा गया है. इस सेवा के तहत एमसीडी के सभी विद्यालयों की कार्यप्रणाली पर मुख्यालय से ही नजर रखी जाएगी. साथ ही, विद्यालयों में होने वाले कार्यक्रम, प्रतियोगी कार्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण, सर्व शिक्षा अभियान, आरटीआई सेवा की जानकारी उपलब्ध रहेगी. उधर, स्वास्थ्य विभाग में इस सेवा के तहत एमसीडी अस्पतालों में ब्लड की स्थिति के बारे में 24 घंटे जानकारी उपलब्ध रहेगी.
इससे घर बैठे ही जानकारी मिल जाएगी कि किस अस्पताल में कितने बिस्तर खाली हैं. आम जनता अब घर बैठे ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकती है. निगम के सभी विभागों को ऑनलाइन करने के लिए 67 नए सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं.
अनुबंध के मुताबिक संबंधित कंपनी को डाटा सेंटर स्थापित करने और एमसीडी में ई-गवर्नेंस सुविधा लागू करने की निर्धारित अवधि 24 दिसंबर 2010 तय की गई थी, पर सात महीना विलंब होने के बावजूद भी यह पूरी नहीं हो सकी है. अतिरिक्त आयुक्त कुरियन के मुताबिक परियोजना की देरी पर एमसीडी कंपनी से प्रति सप्ताह 10 लाख रुपए की वसूली करेगी. पिछले 28 सप्ताह की देरी के लिए कंपनी से दो करोड़ 80 लाख रुपए की वसूली की जाएगी.
सुविधाओं में देरी पर लगेगा जुर्माना
बिहार की तर्ज पर अब जल्द ही दिल्ली नगर निगम भी एक निश्चित अवधि में जनता को सुविधाएं मुहैया कराएगी. एमसीडी की सेवाएं ऑनलाइन होने के बाद यदि इस कार्य में देरी हुई तो कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा. ऑनलाइन सेवाएं मुहैया कराने के लिए एमसीडी जल्द ही पूरे शहर में कियोस्क भी लगाएगी. यहां पर लोग आरटीआई, संपत्ति कर के अलावा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र भी जमा कर सकेंगे. निगमायुक्त केएस मेहरा के अनुसार कियोस्क के जरिए लोग घर बैठे ही अपना कार्य पूरा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि सबके पास कंप्यूटर अथवा इंटरनेट की सुविधा नहीं होती. ऐसे में कई इलाकों में एमसीडी कियोस्क खोलेगी.