भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेस (Tata Teleservices) के विलय के मामले में टीडी-सैट (TDSAT) के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.
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नई दिल्ली : भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेस (Tata Teleservices) के विलय के मामले में टीडी-सैट (TDSAT) के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. केंद्र विलय से पहले इन कंपनियों से लगभग 9000 करोड़ रुपये का बकाया वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज वसूलना चाहता है. TDSAT ने इस पर रोक लगाते हुए विलय को मंजूरी दी है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा.
वित्तीय दिक्कतों पर पार पाने की कोशिश
आपको बता दें टाटा टेलीसर्विसेज का भारती एयरटेल में विलय को दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार बाजारों में से एक भारत में एकीकरण का एक और मजबूत संकेत माना जा रहा है. प्रस्तावित सौदे के तहत टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) व टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र (टीटीएमएल) के चार करोड़ से अधिक ग्राहक भारती एयरटेल में चले जाएंगे. टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज मोबाइल टेलीफोन कारोबार से निकलते हुए अपनी वित्तीय दिक्कतों पर पार पाने की कोशिश कर रही है.
दोनों कंपनियों ने एक साझा बयान में कहा था कि यह सौदा 'कोई ऋण नहीं-कोई नकदी नहीं' आधार पर किया है. यानी एयरटेल इमसें टाटा टेलीसर्विसेज के 40,000 करोड़ रुपये के कर्ज में कोई हिस्सेदारी नहीं करेगी और न ही नकदी का भुगतान करेगी. यहां तक कि टीटीएसएल द्वारा खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए 9,000-10,000 करोड़ रुपये के विलंबित भुगतान में से 70-80 प्रतिशत हिस्से का भुगतान भी टाटा करेगा.