क्या आपका बच्चा रोज देखता है CoComelon? सावधान हो जाएं, बना रहा है बच्चों को बीमार! जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
Advertisement
trendingNow11656012

क्या आपका बच्चा रोज देखता है CoComelon? सावधान हो जाएं, बना रहा है बच्चों को बीमार! जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

यूट्यूब पर बच्चे ज्यादातर कोकोमेलन देखते हैं. आपने अक्सर सुना या कहा होगा कि मेरा बच्चे को कोकोमेलन की लत लग चुकी है. लेकिन यह शो बच्चों के लिए हानिकारक बनता जा रहा है. ऐसा हम नहीं एक टिकटॉकर ने कहा है. TikTok पर @thecircusbrain द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो ने बताया है कि बच्चों के लिए कोकोमेलन को एक नशा भी माना जा सकता है.

क्या आपका बच्चा रोज देखता है CoComelon? सावधान हो जाएं, बना रहा है बच्चों को बीमार! जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

जिनके घर बच्चे हैं, उनके घर में कार्टून ज्यादा चलता है. यूट्यूब पर बच्चे ज्यादातर कोकोमेलन देखते हैं. आपने अक्सर सुना या कहा होगा कि मेरा बच्चे को कोकोमेलन की लत लग चुकी है. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो आ चुके हैं, जहां बच्चा कोकोमेलन की ट्यून सुनते ही टीवी के सामने पहुंच जाता है. लेकिन यह शो बच्चों के लिए हानिकारक बनता जा रहा है. ऐसा हम नहीं एक टिकटॉकर ने कहा है. TikTok पर @thecircusbrain द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो ने बताया है कि बच्चों के लिए कोकोमेलन को एक नशा भी माना जा सकता है. इसमें ब्राइट कलर्स और कैची नर्सरी राइम्स हैं, जिससे बच्चे अट्रैक्ट हो जाते हैं.

टिकटॉक वीडियो से छिड़ी बहस

वह बताते हुए कहते हैं, 'किसी ने हाल ही में मुझे इस शो के बारे में बताया है . तो मैंने इस बारे में जानने का फैसला किया और यहां इसके कुछ उदाहरण दिए गए हैं कि इस शो के लिए ऐसा क्यों हो सकता है.' टिकटोकर फिर एक और एनिमेटेड टीवी शो, माय लिटल पोनी से एक क्लिप चलाता है, जो हर चार सेकंड में सीन बदलता है. जिससे बच्चे हर सीन में हर तत्व को पूरी तरह से कैप्चर कर सकते हैं. फिर उसने एक कोकोमेलोन के एपिसोड में क्रॉस कर दिया और बताया: 'चलो देखते हैं कि प्रत्येक सीन को बदलने में कितना समय लगता है.'

इस एपिसोड से पता चलता है कि प्रत्येक सीन का औसत एक से दो सेकंड का होता है, जिसका मतलब है कि बच्चे निरंतर जुड़े रहते हैं और इसके दिखाए जाने वाले शो के तेज टेम्पो के कारण वे आसानी से डिस्ट्रैक्ट हो जाते हैं. वीडियो को 4.2 मिलियन बार देखा गया है और कई लोग इस ऑब्जरवेशन से चकित रह गए हैं. एक चिंतित फॉलोअर ने पूछा, 'इससे उनके दिमाग को अधिक स्टिमुलेट हो रहा है क्या?.' एक और ने दावा किया, 'यह अधिक स्टिमुलेशन है...यह एक ड्रग का उपयोग करने के बराबर है.'

क्या कहते हैं एक्पर्ट्स

हाल ही में, इवी मैगजीन ने कोकोमेलों के एडिक्टिव होने के बारे में एक सिद्धांत पर जांच की थी और जब वे बाल विकास विशेषज्ञों से बात की, तो वे उस नतीजे से असहमत नहीं थे. चाइल्डहुड, डेवलपमेंट और एजुकेशन की एक्सपर्ट जेरिका सैन्नेस ने दावा किया कि यह शो सिर्फ ज्यादा उत्तेजित करने वाला नहीं है, बल्कि यह बिहेवियर प्रॉब्लम और एटेंशन डिसॉर्डर को भी उत्पन्न करने के लिए संभव है.

उन्होंने प्रकाशन को बताया कि "कोकोमेलॉन इतना हाइपर-उत्तेजित करने वाला है कि यह एक ड्रग, एक स्टिमुलेंट की तरह काम करता है. स्क्रीन टाइम से दिमाग को डोपामाइन का एक हिट मिलता है, और ऐसा लगता है कि जितना शक्तिशाली 'ड्रग' होगा, उतना ही मजबूत होगा यह 'हिट' करेगा.

कई माता-पिता की अलग सोच

टिकटॉक वीडियो वायरल होने और विशेषज्ञों के दावों के बाद भी कुछ पेरेंट्स इससे सहमत नहीं हुए. एक कपल ने कहा, 'लोग हमेशा नकारात्मक सोचते हैं. छोटे बच्चों का ध्यान बहुत कम होता है इसलिए उन्हें मनोरंजन के लिए जल्दी से बदलाव करने की जरूरत होती है.' 

Trending news