ज्यादातर यूजर्स (Internt Users) की जन्म तिथि, ई-मेल अड्रेस और डिवाइस इंफॉर्मेशन, फर्स्ट साइन-इन टाइम, लास्ट लॉग-इन टाइम, डिवाइस का नाम (Device name), ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System), ब्राउजर की जानकारी, IP अड्रेस तक हैकर्स (Hackers) के हाथ लगी है.
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नई दिल्ली: अगर आप इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए Google Chrome या Microsoft Edge का इस्तेमाल करते हैं तो अलर्ट हो जाएं. इन दोनों इंटरनेट ब्राउजर्स (Internet Browsers) के एक्टेंशन पर साइबर अटैक (Cyber Attack) हो चुका है. इंटरनेट यूजर्स को सलाह दी गई है कि जितनी जल्दी हो सके अपने इंटरनेट ब्राउजर से जुड़े एक्सटेंशन को अनइंस्टाल कर दें.
हमारी सहयोगी वेबसाइट bgr.in के मुताबिक साइबर फर्म Avast ने ऐसे लगभग 28 से ज्यादा इंटरनेट ब्राउजर एक्सटेंशन (Browser Extension) की पहचान की है जो आपके कंप्यूटर या लैपटॉप पर वायरस अटैक (Virus Attack) कर सकते हैं. ये मेलवेयर आपको निजी डाटा जैसे कि ई-मेल अड्रेस, फोन नंबर, डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुरा सकते हैं. सिक्युरिटी फर्म Avast के मुताबिक, इन एक्सटेंशन की वजह से 30 लाख से ज्यादा यूजर्स प्रभावित हुए हैं.
सिक्युरिटी फर्म के मुताबिक, यूजर्स किसी भी ब्राउजर में एक्सटेंशन इसलिए इंस्टॉल करते हैं ताकि उनके काम आसान हो सके. ज्यादातर यूजर्स Youtube, Facebook, Instagram आदि के वीडियो को डाउनलोड करने के लिए ये एक्सटेंशन इंस्टॉल करते हैं. सिक्युरिटी फर्म ने बताया कि Video Downloader for Facebook, Vimeo Video Downloader, Instagram Story Downloader और VK Unblock जैसे एक्सटेंशन की वजह से लाखों यूजर्स प्रभावित हुए हैं.
यूजर्स की निजी जानकारियां हुईं प्रभावित
Avast का मानना है कि इस तरह के 28 एक्सटेंशन में मलिशियस JavaScript है जो कि आसानी से मेलवेयर (Malware) को आमंत्रित करते हैं. यूजर जैसे ही किसी लिंक पर क्लिक करते हैं ये साइबर क्रिमनल्स या अटैकर्स को ये जानकारी भेजते हैं. इसके बाद अटैकर इन एक्सटेंशन के जरिए कमांड को इंजेक्ट करते हैं जिसकी बाद यूजर्स फिशिंग वेबसाइट की तरफ रीडायरेक्ट हो जादे हैं. इसकी वजह से यूजर्स की निजी जानकारियां साइबर अटैकर्स के हाथ लग सकती हैं.
Avast ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि, ज्यादातर यूजर्स की जन्म तिथि, ई-मेल अड्रेस और डिवाइस इंफॉर्मेशन, फर्स्ट साइन-इन टाइम, लास्ट लॉग-इन टाइम, डिवाइस का नाम, ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर की जानकारी, IP अड्रेस तक हैकर्स के हाथ लगी है. सिक्युरिटी फर्म के मुताबिक, हैकर्स का मुख्य मकसद किसी भी साइट के ट्रैफिक को दूसरे यूजर्स की तरफ रिडायरेक्ट करना है जिसे मॉनीटाइज करके कमाई की जा सके.
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सिक्युरिटी फर्म के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर एक्सटेंशन Google Chrome और Microsoft Edge ब्राउजर्स पर उपलब्ध हैं. इन एक्सटेंशन के जरिए साइबर क्रिमिनल्स आपकी निजी जानकारियां चुराकर आपको चूना लगा सकते हैं. अगर, आपके Google Chrome या फिर Microsoft Edge में इनमें से कोई भी एक्सटेंशन डाउनलोड और इंस्टॉल है तो उन्हें तुरंत अनइंस्टॉल कर लें. हो सके तो ब्राउजर को भी अनइंस्टॉल करके दोबारा इंस्टॉल करें.