अब ऊंट आया पहाड़ के नीचे, OTT पर होने वाली गाली-गलौच पर लगेगी लगाम
Advertisement
trendingNow1801090

अब ऊंट आया पहाड़ के नीचे, OTT पर होने वाली गाली-गलौच पर लगेगी लगाम

ये बात सच है कि अभी तक देश में OTT पर निगरानी (OTT Monitoring) रखने के लिए भारत सरकार (Govt. of India) के पास कोई सेंसर बोर्ड या फिर कोई कानून मौजूद नहीं है. इंटरनेट पर कंटेट वाले ये सभी प्लेटफॉर्म हाल ही में शुरू हुए हैं.

अब ऊंट आया पहाड़ के नीचे, OTT पर होने वाली गाली-गलौच पर लगेगी लगाम

नई दिल्ली: Abusing content on OTT: जब से भारत में OTT यानी ओवर द टॉप चैनल्स शुरू हुए हैं, गाली-गलौच और अडल्ट वेब सीरीज और फिल्मों का चलन बढ़ गया है. लेकिन अब नेटफ्लिक्स (Netflix), अमेजन प्राइम (Amazon Prime), डिज्नी हॉटस्टार (Disney- Hotstar) और ऑल्ट बालाजी (Alt Balaji) जैसे इंटरनेट चैनल्स पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है. अब ऊंट पहाड़ के नीचे आ ही गया है.

  1. OTT प्लेटफॉर्म्स पर नकेल कसने की तैयारी
  2. गाली-गलौच वाले कंटेट पर सरकार रखेगी नजर
  3. जानें क्या है भारत सरकार की तैयारी

सरकार करेगी निगरानी
हमारी सहयोगी वेबसाइट zeebiz.com के मुताबिक केंद्र सरकार ने सभी OTT प्लेटफॉर्म्स के कंटेट को सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) के निगरानी के दायरे में ला दिया है. इसका मतलब साफ है कि अब इन इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स में दिखाए जाने वाले फिल्मों और वेब सीरीज में सरकार की नजर रहेगी. बताते चलें कि अभी तक केंद्र सरकार के पास OTT पर निगरानी का कोई मैकैनिज्म नहीं था. भारत में करीब डेढ़ साल पहले सिर्फ 40 ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platforms) थे, जो अब करीब दोगुने हो चुके हैं.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ साल पहले नेटफ्लिक्स में सेक्रेड गेम्स (Sacred Games) नाम की वेब सीरीज रिलीज हुई थी. इसमें  जिस तरह खुलेआम गाली-गलौच (Abusive Content) का इस्तेमाल किया गया. उस पर कई शिकायतें केंद्र सरकार को मिली. इसी के साथ ही अमेजन प्राइम पर स्टैंडअप कॉमेडी (Standup Comedy) के नाम पर भी कई आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है. केंद्र सरकार ऐसे कंटेट पर लगाम कसना चाहती है. 

ये भी पढ़ें: WhatsApp में Delete किया हुआ मैसेज भी पढ़ा जा सकता है. अपनाएं ये Trick

अब तक सेल्फ रेगुलेशन के तहत चल रहा काम
ये बात सच है कि अभी तक देश में OTT पर निगरानी रखने के लिए भारत सरकार के पास कोई सेंसर बोर्ड या फिर कोई कानून मौजूद नहीं है. इंटरनेट पर कंटेट वाले ये सभी प्लेटफॉर्म हाल ही में शुरू हुए हैं. इस वजह से सरकार अभी भी इनकी निगरानी के लिए कोई कानून तैयार नहीं कर पाई है. हालांकि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए करीब 15 ओटीटी प्लेटफॉर्म ने अपनी एक संस्था बनाई जिसे इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Internet and Mobile Association of India) नाम दिया गया. इन सभी प्लेटफॉर्म ने सेल्फ रेगुलेशन पर सहमति जताई थी. 

 

Trending news