What is Param Rudra Supercomputers: परम 'रूद्र' सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम के तहत, तीन सुपरकंप्यूटर लॉन्च किए गए हैं. 1 पेटाफ्लॉप की प्रोसेसिंग क्षमता वाले इन सुपरकंप्यूटर्स के जरिए भारत ने तकनीक की दुनिया में बड़ी छलांग लगाई है.
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India Supercomputer: परम 'रूद्र' सुपरकंप्यूटर्स लॉन्च कर भारत ने तकनीक के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है. 1-पेटाफ्लॉप की प्रोसेसिंग क्षमता वाला यह सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम पलक झपकते ही बहुत भारी डेटा को प्रोसेस कर सकता है. कंप्यूटर की कैलकुलेटिंग स्पीड पेटाफ्लॉप में मापी जाती है. यह प्रति सेकंड एक क्वाड्रिलियन (1,000,000,000,000,000) फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन के बराबर है. भारत ने गुरुवार को हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) सिस्टम भी शुरू किया है. इन्हें 'अरका' और 'अरुणिका' नाम दिया गया है. आइए, आपको परम 'रूद्र', अरका और अरुणिका के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
PARAM Rudra supercomputers क्या हैं? कितनी स्पीड है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तीन PARAM Rudra Supercomputers देश को समर्पित किए. इन्हें नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत, 130 करोड़ की लागत से देश में ही बनाया गया है. इन सुपरकंप्यूटर्स का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम की प्रोसेसिंग स्पीड 1 पेटाफ्लॉप प्रति सेकंड है. यानी ये एक सेकंड में 1,000,000,000,000,000 फ्लोटिंग-प्वॉइंट ऑपरेशंस को अंजाम दे सकते हैं. किसी एक मशीन के लिए यह बेहद तेज कंप्यूटिंग स्पीड है.
परम 'रूद्र' सुपरकंप्यूटर्स कहां लगे हैं, क्या करेंगे?
तीन PARAM Rudra Supercomputers को दिल्ली, पुणे और कोलकाता में तैनात किया गया है. ये सुपरकंप्यूटर्स रेडियो एस्ट्रोनॉमी और मौसम विज्ञान के क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं.
PM India की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, पुणे में लगा जायंट मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप में से एक है. यह फास्ट रेडियो बर्स्ट (FRBs) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए PARAM Rudra सुपरकंप्यूटर का यूज करेगा. इससे हमें ब्लैक होल से लेकर ब्रह्मांड की उत्पत्ति समेत खगोल विज्ञान के तमाम रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी.
वहीं, दिल्ली में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सीलरेटर सेंटर (IUAC) में लगा PARAM Rudra Supercomputer मैटीरियल साइंस और एटॉमिक फिजिक्स के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देगा. तीसरा परम 'रूद्र' सुपरकंप्यूटर कोलकाता के एसएन बोस सेंटर में लगाया गया है जो भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में एडवांस रिसर्च में मदद करेगा.
India Unlocks Supercomputing Superpowers!
Today PM @narendramodi dedicated 3 PARAM Rudra Supercomputers and High-Performance Computing system to nation. These cutting-edge PARAM Rudra Supercomputers will revolutionize research across fields from physics to earth sciences and… pic.twitter.com/HLRimU7pI7
— MyGovIndia (@mygovindia) September 26, 2024
Arka और Arunika क्या हैं? कितनी स्पीड और कहां होगा इस्तेमाल?
PM मोदी ने गुरुवार को दो नए हाई-परफॉर्मेंस (HPC) सिस्टम भी लॉन्च किए. इनके नाम 'अरका' और 'अरुणिका' रखे गए हैं जो सूर्य पर आधारित हैं. 850 करोड़ की लागत से तैयार किए गए इन सिस्टम्स की कंबाइंड प्रोसेसिंग पावर 21.3 पेटाफ्लॉप है. ये दोनों नोएडा स्थित नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट (NCMRWF) और पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रोपिकल मीटरोलॉजी (IITM) में पहले से मौजूद HPC सिस्टमों- प्रत्युष और मिहिर की जगह लेंगे.
अरका और अरुणिका की मदद से हाई-रेजोल्यूशन वाले मॉडल्स तैयार किए जाएंगे जो उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, आंधी, ओलावृष्टि, गर्म लहरों, सूखे और अन्य महत्वपूर्ण मौसम संबंधी घटनाओं से संबंधित भविष्यवाणियों की सटीकता और लीड टाइम को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे. इनकी मदद से भारत, मौसम विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा खिलाड़ी बनने को तैयार है.
क्यों अहम है यह उपलब्धि?
परम 'रूद्र' सुपरकंप्यूटर्स हों या 'अरका' और 'अरुणिका' जैसे HPC, इनकी मदद से भारत ने सुपरकंप्यूटिंग तकनीक में बड़ी छलांग लगाई है. परम रुद्र, अर्क और अरुणिका के कॉम्बो की मदद से भारत खगोल विज्ञान से लेकर मौसम की भविष्यवाणी तक के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है. इससे ग्लोबल रिसर्च में भारत की स्थिति और मजबूत होगी.