अब कभी गुम या चोरी नहीं होगा आपका Smartphone, सरकार खोजकर थमाएगी हाथों में; जानिए कैसे
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अब कभी गुम या चोरी नहीं होगा आपका Smartphone, सरकार खोजकर थमाएगी हाथों में; जानिए कैसे

संचार साथी पोर्टल (www.sanchaarsaathi.gov.in) को लॉन्च किया जा चुका है. इस पोर्टल के माध्यम से, यूजर अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने में मदद प्राप्त कर सकते हैं. यदि किसी को मालिक की आईडी के जरिए सिम का दुरुपयोग करते हुए पाया जाता है, तो उसे ब्लॉक करने का विकल्प भी उपलब्ध है.

अब कभी गुम या चोरी नहीं होगा आपका Smartphone, सरकार खोजकर थमाएगी हाथों में; जानिए कैसे

संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को लाखों लोगों की मदद करने के उद्देश्य से, संचार साथी पोर्टल (www.sanchaarsaathi.gov.in) की शुरुआत की. इस पोर्टल के माध्यम से, यूजर अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने में मदद प्राप्त कर सकते हैं. यह पोर्टल यूजर्स को उनके सिम कार्ड नंबर तक पहुंचने की सुविधा भी प्रदान करता है और यदि किसी को मालिक की आईडी के जरिए सिम का दुरुपयोग करते हुए पाया जाता है, तो उसे ब्लॉक करने का विकल्प भी उपलब्ध है.

मिलेंगी ये तीन चीजें
लॉन्च के मौके पर, वैष्णव ने अपने संबोधन में उजागर किया कि तीन सुधार उपलब्ध कराए गए हैं - सीईआईआर (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर), नो योर मोबाइल कनेक्शन और एएसटीआर (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन फॉर टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन).

मोबाइल होगा ब्लॉक
सीईआईआर चोरी या खोए हुए मोबाइल को ब्लॉक करने के लिए उपयोगी है, जबकि 'नो योर मोबाइल कनेक्शन' आपको आपके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्शन के बारे में जानने में मदद करेगा और एएसटीआर आपको धोखेबाज ग्राहकों की पहचान करने में मदद करेगा.

रुकेगी धोखाधड़ी
मंत्री ने उद्घाटन के मौके पर इस तरह बताया कि मोबाइल फोन के दुरुपयोग से विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी जैसे पहचान की चोरी, जाली केवाईसी, बैंकिंग धोखाधड़ी आदि हो सकती हैं.

उन्होंने इसके लिए संचार साथी पोर्टल का विकास किया गया है. वे कहते हैं, 'इस पोर्टल के माध्यम से हम इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने का प्रयास कर रहे हैं. यूजर सिक्योरिटी भी दूरसंचार विधेयक के मसौदे का महत्वपूर्ण हिस्सा है.'

उन्होंने दावा किया कि "संचार साथी पोर्टल" के माध्यम से 40 लाख से अधिक फर्जी कनेक्शनों की पहचान की गई है और 36 लाख से अधिक कनेक्शन अब तक कटे जा चुके हैं.

(इनपुट-आईएएनएस)

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