Sapta Puri Religious Significance: ये हैं मोक्ष प्राप्ति के 7 तीर्थस्थल, जिन्हें कहते हैं 'सप्तपुरी', जानिए इनके धार्मिक महत्व
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Sapta Puri Religious Significance: ये हैं मोक्ष प्राप्ति के 7 तीर्थस्थल, जिन्हें कहते हैं 'सप्तपुरी', जानिए इनके धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 'सप्तपुरी' (Seven Holy Pilgrimage) में भारत के सात पवित्र शहर (Sapta Puri Religious Significance) आते है जिनमें अयोध्या, मथुरा, द्वारका, वाराणसी, हरिद्वार, उज्जैन, और कांचीपुरम शामिल हैं. इन शहरों की धार्मिक विशेषताएं विश्व विख्यात है. 

Sapta Puri Religious Significance: ये हैं मोक्ष प्राप्ति के 7 तीर्थस्थल, जिन्हें कहते हैं 'सप्तपुरी', जानिए इनके धार्मिक महत्व

न्यू दिल्ली: आस्था और विश्वास के देश भारत में मोक्ष सर्वोपरि है. देश में सात ऐसे पवित्र शहर (7 Holy Pilgrimage in India) हैं जिन्हें मोक्ष प्राप्ति के तीर्थस्थल कहते हैं. इन साथ शहरों को 'सप्तपुरी' (Sapta Puri Religious Significance) के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्तपुरी के ये शहर सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के बावजूद भारत की एकता और अखंडता को दर्शाते हैं. इन सात शहरों की धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए इन्हें सड़क, रेलमार्ग और हवाई मार्ग से भी जोड़ा गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्तपुरी में भारत के सात पवित्र शहर आते है जिनमें अयोध्या, मथुरा, द्वारका, वाराणसी, हरिद्वार, उज्जैन, और कांचीपुरम शामिल हैं। तो आज आपको बताते हैं भारत के इन सात शहरों के बारे में जिन्हें सप्तपुरी कहते हैं.

  1. मथुरा भारत के सात पवित्र शहरो में से एक है
  2. रामलला की जन्मस्थली अयोध्या सबसे प्राचीन शहरों में एक है
  3. हरिद्वार का नाम सुनते ही मन भक्तिमय हो जाता है

अयोध्या

रामलला की जन्मस्थली अयोध्या (Ayodhya) सबसे प्राचीन शहरों में से एक है. इसका अन्य नाम साकेत भी है. अयोध्या (Sapta Puri Religious Significance) शहर उत्तर प्रदेश में सरयु तट बसा हुआ है. यह भारत में हिंदुओं के सात सबसे पवित्र तीर्थस्थलों ( seven holy pilgrimage in india) में से एक है. यहां का राम मंदिर विश्व के कोनें- कोनें में मौजूद रामभक्तों के लिए आस्था का केंद्र है.

मथुरा 

मथुरा (Mathura) भी भारत के सात पवित्र शहरो में से एक है. ये शहर प्रदेश के प्रसिद्ध शहर वृंदावन और गोवर्धन के पास बसा हुआ है. ये शहर भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है. मथुरा और इसके आसपास के गांवों से बहुत सारी ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं. ये शहर धार्मिक मान्यताओं (Sapta Puri Religious Significance) के लिए विश्व विख्यात है.

वाराणसी

वाराणसी (Varanasi) का पुराना नाम काशी है. कशी की धरती कशी विश्वनाथ और मां गंगा की आरती के लिए मशहूर है. इसे भारत की आध्यात्मिक राजधानी भी कहा जाता है. इसके अलावा यहां के गंगा घाट सुकून और शांति के लिए विख्यात हैं. ये शहर भी भारत के सबसे पुराने और पवित्र शहरों में से एक है. ये शहर भी सप्तपुरी में शामिल है.

द्वारका

कृष्ण की नगरी द्वारका (Dwarka) भी भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है. यह पवित्र शहर गुजरात के जामनगर में है. पवित्र द्वारका धाम शहर चार धामों में एक है. गौरतलब है कि चार धामों में द्वारका के अलावा बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम शामिल है. ये शहर भी मोक्ष प्राप्ति के तीर्थदर्शन यानी सप्तपुरी में शामिल है.

हरिद्वार

हरिद्वार (Haridwar) का नाम सुनते ही मन भक्तिमय हो जाता है. ये भी हिंदुओं के सात पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है. हरिद्वार (Sapta Puri Religious Significance) से कई विशेषताएं जुड़ी है. यहां हर चार साल पर कुंभ लगता है. गौरतलब है कि हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. और इस बार भी यहां कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है. इसके अलावा यहां स्थित मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, माया देवी मंदिर और भारत माता मंदिर प्रसिद्ध हैं.

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उज्जैन

इस शहर (Ujjain) को उज्जयिनी और अवंतिका के नाम से भी जाना जाता है. यह शहर क्षिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ एक छोटा और पवित्र शहर (Sapta Puri Religious Significance) है. यहां भी हर चार साल पर कुंभ मेले का आयोजन होता है. इसे महाकाल की नगरी भी कहते हैं. यहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है जो कि शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. कहते हैं कि भगवान शिव उज्जैन नगरी के राजा हैं. ये शहर भी सप्तपुरी में शामिल है.

कांची

कांची यानी कांचीपुरम (Kanchipuram) तमिलनाडु में वेगवथी नदी के किनारे बसा हुआ पवित्र स्थल है. यह शहर एक पवित्र तीर्थस्थल (Sapta Puri Religious Significance) और भारत के सात पवित्र धर्म-स्थलों में से एक है. इस शहर से जुड़ी मान्यता है कि ये शिवजी और वैष्णव अनुयायियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां कई सारे प्रसिद्ध मंदिर जैसे- कामाक्षी अम्मान मंदिर, कौलाशनाथर मंदिर, एकम्बरेश्वर मंदिर और वैकुण्ठ पेरूमल मंदिर हैं. इसके कारण यहां सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है.

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