2019 के आम चुनावों के मद्देनजर बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन इसके साथ ही सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर बनाए रखने और विकास दर के ऊंचे स्तर के लक्ष्य को साधने की चुनौती भी है.
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नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट आज पेश करने जा रहे हैं. अगले साल आम चुनावों से पहले इस बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. आम लोगों और उद्योग जगत ने बजट से कई उम्मीदें पाल रखी हैं. 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद सरकार पहला बजट पेश करने जा रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि बजट में अरुण जेटली लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं. 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन इसके साथ ही सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर बनाए रखने और विकास दर के ऊंचे स्तर के लक्ष्य को साधने की चुनौती भी है. इस बजट से देश के युवाओ को जहां एजुकेशन लोन और नौकरियोंं की चिंता सता रही है वहीं किसानों को फसल बीमा, बिजली दरों में बदलाव हो और कृषि आय पर आयकर नहीं लगाया जाए.
बजट से देश के युवाओं को क्या चाहिए?
बजट में किसानों को क्या चाहिए?
कृषि क्षेत्र पर फोकस
इस बजट में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं किए जाने की उम्मीद है. मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को सामने रखकर चल रही है. इसी कड़ी में एग्रीकल्चर टेक्नॉलजी स्टार्ट अप के लिए फंड देने और कृषि उन्नति स्कीम की घोषणा भी की जा सकती है. ग्राहक सीधे किसानों से फसल खरीदें इस पर भी फोकस हो सकता है.
रोजगार बढ़ाने पर जोर
बजट में रोजगार को बढ़ावा देने पर निश्चित रूप से जोर रहेगा. मैन्युफैक्चरिंग और छोटे कारोबार पर खास ध्यान होगा. रोजगार को अनौपचारिक से औपचारिक सेक्टर में लाने का रोडमैप पेश किया जा सकता है.