Rajasthan Assembly Election 2023: साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों एक दूसरे का सामना कर चुके हैं. लेकिन तब दोनों के सारथी अलग थे. लेकिन एक बार फिर दोनों आमने-सामने हैं. कांग्रेस की प्रत्याशी विधायक शोभारानी कुशवाह की बड़ी बहन राजनीकांता के पति डॉक्टर शिवचरण कुशवाह हैं और इसी नाते वह शोभारानी के जीजा लगते हैं.
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Jija-Sali Competetion in Election: राजस्थान का चुनावी बिगुल बज चुका है और राज्य में 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजों का ऐलान 3 दिसंबर को किया जाएगा. तमाम पार्टियों ने कमर कस ली है और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी होने लगा है. चुनावों में अब तक आपने चाचा-भतीजा या फिर भाई-भाई को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा देखा होगा. लेकिन राजस्थान के चुनाव में एक सीट ऐसी भी है, जिस पर हार-जीत से ज्यादा चर्चा रिश्ते की है.
धौलपुर में दिखेगा जीजा-साली का चुनावी मैच
यूं तो जीजा-साली का रिश्ता हंसी-ठिठोली भरा होता है लेकिन जब इस रिश्ते में खटास आ जाए तो एक-दूसरे के खिलाफ भी खड़े हो जाते हैं. यही रिश्ता जब चुनावी मैदान में आमने सामने का हो तो और भी रोचक बन जाता है. ऐसा ही मुकाबला राजस्थान में धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी के बीच है, जो रिश्ते में जीजा-साली हैं. जिले में मतदाताओं के बीच चर्चा इस रिश्ते को लेकर ज्यादा है.
हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में साली ने जीजा को पटखनी देकर चारों खाने चित कर दिया था. वैसे टिकट वितरण के साथ से ही मतदाता चुनावी जंग का मजा लेने में लगे हुए हैं. लेकिन जीजा-साली के चुनावी रंग में बसपा और भीम आर्मी के प्रत्याशी भंग डालने की कोशिश करने में जुटे हुए हैं. जिले की धौलपुर विधानसभा से कांग्रेस ने बीजेपी से निष्कासित विधायक शोभारानी को टिकट थमाया है तो बीजेपी ने गत विधानसभा में कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़े डॉक्टर शिवचरण कुशवाह को मैदान में उतारा है.
2018 में भी थे आमने-सामने
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों एक दूसरे का सामना कर चुके हैं. लेकिन तब दोनों के सारथी अलग थे. लेकिन एक बार फिर दोनों आमने-सामने हैं. कांग्रेस की प्रत्याशी विधायक शोभारानी कुशवाह की बड़ी बहन राजनीकांता के पति डॉक्टर शिवचरण कुशवाह हैं और इसी नाते वह शोभारानी के जीजा लगते हैं. इस बार बीजेपी के फूल की खुशबू बिखेरने निकले हैं.
जानकारों का कहना है कि साल 2017 का उपचुनाव जीतने के बाद शोभारानी और उनकी बड़ी बहन रजनीकांता में राजनैतिक द्वंद की लड़ाई शुरू हो गई जिसके बाद विधायक शोभारानी को हराने के लिए उनकी बहन ने संकल्प लिया और अपने पति को चुनावी मैदान में उतार दिया. लेकिन पिछले चुनाव में तो जीत हासिल नहीं हुई इसलिए फिर दोनों एक-दूसरे के आमने सामने हैं. देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में क्या साली फिर जीजा को मात दे पाएंगी या फिर जनता का वोट कुछ और ही फैसला सुनाएगा.