31 जनवरी, 2017 को हाफिज सईद और चार साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी कासिफ हुसैन को पंजाब की सरकार ने 90 दिनों के लिए नजरबंद किया था.
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लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की रिहाई का आदेश दिया है. यह मुंबई हमले को लेकर सईद को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के भारत के प्रयासों के लिए झटका है. सईद इस साल जनवरी से नजरबंद था. वहीं दूसरी ओर जमात-उद-दावा के ट्विटर पर जारी अकाउंट पर सईद ने एक छोटे वीडियो में कहा, ‘कश्मीर की वजह से भारत मेरे पीछे पड़ा हुआ है, लेकिन मेरे खिलाफ भारत की सभी कोशिशें नाकाम हुईं और मैं रिहा हो गया.’ इसके साथ ही उसने कहा कि पाकिस्तान में आजादी की जीत हुई है और कश्मीर हम लेकर रहेंगे.
सईद ने एक बयान में कहा, ‘यह मेरा नहीं, बल्कि पाकिस्तान के मामला था. आज, भारत को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. यह इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान एक आजाद मुल्क है. मैं आपको बताता हूं....भारत मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता और कश्मीर को जल्द आजादी मिलेगी.’
उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि मुंबई हमले के मामले की फिर से जांच की जाए और उसने अपनी ओर से प्रदान किए गए सबूतों के आधार पर सईद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ सुनवाई की मांग की है. हाफिज की नजरबंदी की मियाद को तीन महीने बढ़ाने के सरकार के आग्रह को खारिज करते हुए बोर्ड ने बुधवार (22 नवंबर) को सईद की रिहाई का आदेश दिया. आदेश के अनुसार नजरबंदी की 30 दिनों की मियाद खत्म होते ही सईद को रिहा कर दिया जाएगा. यह मियाद अगले कुछ दिनों में खत्म होने वाली है.
आतंकी हाफिज सईद की रिहाई से पाकिस्तान को सता रहा है डर
न्यायमूर्ति अब्दुल समी खान की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने कहा, ‘अगर जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है.’ अगर सरकार किसी दूसरे मामले में सईद को हिरासत में नहीं लेती है तो सईद अगले कुछ दिनों में बाहर आ सकता है. बोर्ड के फैसले से पहले संघीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी इसके समक्ष पेश हुए और सईद की नजरबंदी को जायज ठहराते हुए ‘कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य’ सौंपे. बहरहाल, बोर्ड ने इस अधिकारी की दलीलों को नहीं माना.
इससे पहले पंजाब प्रांत की सरकार ने कहा था कि अगर सईद को छोड़ा गया तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. इस बीच, पंजाब सरकार के एक सूत्र ने बताया कि सईद शायद बाहर नहीं आए क्योंकि सरकार उसे एक अन्य मामले में हिरासत में लेने पर विचार कर रही है. आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘सरकार मौजूदा हालात में सईद को आजाद करने का जोखिम मोल नहीं ले सकती. सईद को रिहा करने पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया हो सकती है.’
इस साल 31 जनवरी को सईद और चार साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी कासिफ हुसैन को पंजाब की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून-1997 और आतंकवाद विरोधी कानून की चौथी अनुसूची के तहत 90 दिनों के लिए नजरबंद किया था. सईद के चार साथियों को अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में रिहा कर दिया गया था. अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है.
(इनपुट एजेंसी से भी)