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वॉशिंगटन: अमेरिका (America) में एक बार फिर से कोरोना (Coronavirus) महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है. कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच कई शहरों में ऑक्सीजन (Oxygen) और बेड की भारी कमी हो गई है. खासतौर पर दक्षिणी राज्यों के अस्पतालों की हालत बेहद खराब है. आलम यह है कि उन्हें अपने रिजर्व से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है और सप्लाई लगभग थम गई है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, हॉस्पिटल सप्लाई पर्चेजिंग ग्रुप प्रीमियर इंक (Premier Inc) का कहना है कि स्थिति तेजी से बिगड़ती जा रही है. कई अस्पतालों के पास केवल 12 से 24 घंटों की ही ऑक्सीजन (Oxygen) बची है. इसके अलावा, बेड की कमी भी दर्ज की गई है. इस संबंध में व्हाइट हाउस, फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी और स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया गया है. पिछले कुछ वक्त से दक्षिणी राज्यों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले बढ़ रहे हैं. अब तूफान ‘इडा’ एक नया खतरा बन गया है.
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प्रीमियर इंक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ब्लेयर चाइल्ड्स (Blair Childs) ने बताया कि ऑक्सीजन की मांग पहले इतनी कभी नहीं रही. डिमांड तेजी से बढ़ रही है और सप्लाई बेहद कम है. इस वजह से हालात खराब हो गए हैं. उन्होंने कहा कि खासतौर पर फ्लोरिडा, मिसिसिपी, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, दक्षिण कैरोलिना और वेस्ट वर्जीनिया के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है. उन्हें अपने रिजर्व से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. क्योंकि उसके पास और कोई विकल्प नहीं है.
कोविड -19 रोगियों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. जिसकी वजह से मरीज को ऑक्सीजन प्रदान की जाती है, ताकि को पर्याप्त मात्रा में सांस लेता रहे. लेकिन जिस रफ्तार से अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है, उस रफ्तार से सप्लाई नही हो पा रही है. डॉक्टरों का कहना है की अगर जल्द कुछ नहीं किया गया, तो आने वाले समय में स्थिति और भी ज्यादा विकराल हो सकती है.
वहीं, तूफान ‘इडा’ के खतरे को देखते हुए लुइसियाना चिल्ड्रन मेडिकल सेंटर मरीजों को जल्द से जल्द अस्पताल से डिस्चार्ज करने की तैयारी कर रहा है. फ्लोरिडा अस्पताल एसोसिएशन के अनुसार, फ्लोरिडा के अस्पतालों में अभी 16,163 COVID-19 मरीज हैं, जिनमें से 33% इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती हैं. यहां के अस्पतालों में अगस्त की शुरुआत से ही ऑक्सीज की बात सामने आई थी, लेकिन इससे निपटने के लिए अब तक कुछ खास नहीं किया जा सका है.