अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच शीत युद्ध चल रहा है. वैसे तो दोनों देशों के बीच तनातनी हमेशा से ही रही है, लेकिन कोरोना (CoronaVirus) महामारी के बाद से तनाव काफी बढ़ गया है.
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वॉशिंगटन: अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच शीत युद्ध चल रहा है. वैसे तो दोनों देशों के बीच तनातनी हमेशा से ही रही है, लेकिन कोरोना (CoronaVirus) महामारी के बाद से तनाव काफी बढ़ गया है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) अमेरिका को हराना चाहते हैं और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चीन को अलग-थलग करने में लगे हैं और इस जंग में अमेरिका काफी हद तक सफल भी हो रहा है.
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अमेरिका ने चीन के खिलाफ तीन बड़े कदम उठाये हैं. पहला, सैन्य घेराबंदी, दूसरा वाणिज्य दूतावास बंद करना और तीसरा चीनी हैकरों पर निशाना साधना. अमेरिका पूरे एशिया में अपनी सेनाओं की मौजूदगी बढ़ा रहा है. अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर (Mark Esper) ने इस योजना की रूपरेखा तैयार की है. अमेरिका नौसेना के जहाजों को एशिया भेज रहा है और ताइवान को हथियार उपलब्ध करा रहा है. दक्षिण चीन सागर और ताइवान के आसपास चीनी जहाजों की सक्रियता को ध्यान में रखते हुए अमेरिका मजबूत गठबंधन बना रहा है.
एस्पर के मुताबिक, चीन की गतिविधियां पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर रही हैं और अमेरिका इसका मुकाबला करना चाहता है. अमेरिका की रणनीति का एक अहम हिस्सा भारत होगा. अमेरिकी रक्षामंत्री के निर्देशन में हाल ही में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट पर नौसैनिक अभ्यास किया गया। एस्पर ने कहा कि इस तरह की कवायद शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा हैं.
इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अमेरिका ने बुधवार को चीन को 72 घंटे के भीतर ह्यूस्टन में अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया. अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि अमेरिका में चीनी प्रभाव के विस्तार के लिए यह दूतावास जासूसी को अंजाम दे रहा था. हालांकि, वॉशिंगटन ने इस संबंध में ज्यादा जानकारी प्रदान नहीं की है, लेकिन वह चीन पर लगातार वाणिज्यिक और सैन्य सीक्रेट चुराने के प्रयासों का आरोप लगाता रहा है.
ट्रंप प्रशासन द्वारा चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद करने के आदेश के कुछ घंटों बाद चीनी राजनयिकों को कुछ कागजों को आग के हवाले करते देखा गया. इससे शक और गहरा जाता है कि वास्तव में चीनी दूतावास किसी गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त था.
This video shared with us by a viewer who lives next to the Consulate General of China in #Houston shows fire and activity in the courtyard of the building.
DETAILS SO FAR: https://t.co/2cOeKoap96 pic.twitter.com/0myxe6HIlC— KPRC2Tulsi (@KPRC2Tulsi) July 22, 2020
अमेरिका ने चीन पर जासूसी का आरोप लगाया है. यूएस इन्वेस्टिगेटर्स ने कहा कि चीन सिर्फ महज जासूसी ही नहीं कर रहा, बल्कि उसने अपने हैकरों को भी काम पर लगा दिया है. वे केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कोरोनावायरस वैक्सीन के शोध को निशाना बना रहे हैं.
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अमेरिका ने दो पूर्व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग छात्रों पर निजी हैकर होने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने कथित तौर पर पैसे के लिए काम किया और उन्हें चीनी खुफिया एजेंटों का समर्थन प्राप्त है. हैकरों द्वारा अमेरिका में दो फर्मों को कथित तौर पर निशाना बनाया गया - मैसाचुसेट्स स्थित बायोटेक फर्म और मैरीलैंड कंपनी, जो वुहान वायरस का इलाज खोजने पर काम कर रही हैं.