Trending Photos
लंदन: अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान (Taliban) के खिलाफ कोई बड़ा प्लान बन रहा है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने इस विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से (PM Narendra Modi) सोमवार को बातचीत की. फोन पर हुई इस बातचीत में भारत-ब्रिटेन व्यापार, रक्षा वार्ता की समीक्षा और जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ तालिबान पर भी चर्चा हुई. बता दें कि तालिबान को अब तक मान्यता नहीं मिली है. भारत और ब्रिटेन भी पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं.
बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय 'डाउनिंग स्ट्रीट' ने बताया कि यूके के 'भारतीय टीके को प्रमाणित करने' के कदम का दोनों पक्षों ने स्वागत किया. प्रधानमंत्री जॉनसन (PM Johnson) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सतर्कतापूर्वक तरीके से शुरू करने के महत्व पर चर्चा की. गौरतलब है कि वे लोग जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है, उन्हें सोमवार से ब्रिटेन की यात्रा पर जाने पर 10 दिन तक क्वारंटीन में नहीं रहना होगा.
ये भी पढ़ें -किस-किस ने स्विस बैंक में खुलवाया अकाउंट, सरकार को मिली लिस्ट; सबसे ज्यादा इनके खाते
'डाउनिंग स्ट्रीट' ने प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि ब्रिटेन का भारतीय टीके को प्रमाणित करना, इस दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है. दोनों नेताओं ने तालिबान के मुद्दे पर साझे अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की. ब्रिटिश उच्चायोग की ओर से पत्रकारों के साथ साझा किए गए बयान के अनुसार, पीएम जॉनसन और PM Modi ने ग्लासगो में आगामी 'कॉफ्रेंस ऑफ दी पार्टीज' (कॉप)-26 के संदर्भ में ब्रिटेन-भारत संबंधों की मजबूती और जलवायु कार्रवाई पर भी चर्चा की.
दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में भी बात की. वे तालिबान के साथ एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की जरूरत पर सहमत हुए और उन्होंने देश में मानवाधिकारों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्रियों ने 2030 रोडमैप पर हुई प्रगति का स्वागत किया. इस पर मई में जॉनसन और मोदी द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी.
इस संबंध में पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात करके खुशी हुई. हमने भारत-ब्रिटेन एजेंडा 2030 की प्रगति की समीक्षा की, जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई और ग्लासगो में होने वाले कॉप-26 को लेकर भी बात की. इसके अलावा अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा किए. ब्रिटेन द्वारा जारी बयान के अनुसार, जॉनसन ने आगामी कॉप 26 शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन पर ठोस प्रगति करने के महत्व को रेखांकित किया