एक रिपोर्ट में चीन के पाकिस्तान के साथ किये घोटाले का खुलासा हुआ है.
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नई दिल्ली: चीन (China) भरोसा करने लायक नहीं है. अब उसने अपने दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) के साथ ही घोटाले का खेल कर दिया. उसने सीपीईसी (CPEC) प्रोजेक्ट के बहाने बड़े घोटाले को अंजाम दिया है. चीन के उद्योगपतियों ने पाकिस्तान को 630 मिलियन अमेरिकी डालर की चपत लगाई है. चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर के बहाने इस घोटाले की पटकथा चीन ने रची. आपको बता दें कि चीन पाकिस्तान में सीपीईसी प्रोजेक्ट के नाम पर बड़ा निवेश कर रहा है.
पाकिस्तान में घोटाले में दो चीनी बिजली उत्पादक हुआनेंग शेडोंग रुई ऊर्जा (एचएसआर) और पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड शामिल हैं. दोनों कंपनियां CPEC बिजली परियोजनाओं से जुड़ी हैं. इन कंपनियों पर मानक प्रक्रिया के उल्लंघन के भीआरोप हैं. दोनों चीनी प्लांट्स ने ज्यादा प्रॉफिट के लिए लागत कीमत भी ज्यादा दिखाई है. वे 50-70 प्रतिशत तक का सालाना मुनाफा कमाते थे. यह लागत पाकिस्तान के कंज्यूमर (उपभोक्ताओं) से निकाली जाती थी.
कराची के लोग 17.69 पाकिस्तान रुपये प्रति यूनिट बिजली का भुगतान कर रहे हैं. बिजली की आसमान छूती कीमतों ने पाक पीएम इमरान खान को जांच के आदेश देने के लिए मजबूर कर दिया. 278 पेज की जांच एक रिपोर्ट में चीन के बिजली घोटाले का खुलासा हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रैगन पाकिस्तान में बिजली चोरी कर रहा है और चीन के साथ बिल की जांच में इस्लामाबाद को झटका लगा है.
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हालांकि CPEC के पाकिस्तान की सेना के साथ घनिष्ठ संबंध होने के कारण इमरान खान इस मसले पर कुछ भी नहीं कर सकते हैं. रिटायर पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा सीपीईसी (CPEC) प्राधिकरण की अध्यक्षता करते हैं. वहीं, इमरान खान भी चीनी कंपनियों पर एक्शन की हिम्मत नहीं करेंगे. बाजवा सूचना और प्रसारण पर प्रधानमंत्री के असिस्टेंट भी हैं यानी वह इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि इमरान खान इस घोटाले को सार्वजनिक तौर पर संबोधित न करें.
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