Heatwaves on Earth: पश्चिमी यूरोप में सूखा पड़ा हुआ है, जबकि पुर्तगाल, स्पेन और फ्रांस के कई हिस्सों में भयंकर गर्मी पड़ रही है. पुर्तगाल के लीरिया में पारा 13 जुलाई को पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसकी वजह से 3000 हेक्टेयर (7200 एकड़) का एरिया जल गया.
Trending Photos
यूरोप, नॉर्थ अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशिया के कई देशों के लिए जून और जुलाई का महीना नासूर जैसा साबित हो रहा है. यहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. वर्षों के रिकॉर्ड तक टूट गए. ये नीचे जो आप नक्शा देख रहे हैं, वो 13 जुलाई 2022 का है. यह अधिकांश पूर्वी गोलार्ध में सतही हवा के तापमान को दिखा रहा है. यह गोडार्ड अर्थ ऑब्जर्विंग सिस्टम (GEOS) वैश्विक मॉडल के एक वर्जन में मिले ऑब्जर्वेशन को मिलाकर तैयार किया गया था, जो वातावरण में भौतिक प्रक्रियाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए गणितीय समीकरणों का इस्तेमाल करता है.
On July 13, 2022, Earth satellites captured temperatures rising above 40 degrees Celsius (104 degrees Fahrenheit) due to extreme, record-breaking heatwaves across much of Europe, Africa, and Asia: https://t.co/tD6DmpXMyz pic.twitter.com/cb3P1F699Y
— NASA (@NASA) July 18, 2022
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के ग्लोबल मॉडलिंग एंड एसिमिलेशन ऑफिस के अध्यक्ष स्टीवन पावसन ने कहा, 'विभिन्न जगहों पर वातावरण की लहर का साफ पैटर्न दिखता है. इसमें कुछ इलाके गर्म (लाल) और ठंडे (नीला) नजर आ रहे हैं. लेकिन अत्यधिक गर्मी वाले बड़े इलाके इस बात का सबूत है कि इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के कारण ग्रीन हाउस गैसों बढ़ रही हैं, जिससे तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है लोगों की जिंदगियां तबाह हो रही है.'
पश्चिमी यूरोप में सूखा पड़ा हुआ है, जबकि पुर्तगाल, स्पेन और फ्रांस के कई हिस्सों में भयंकर गर्मी पड़ रही है. पुर्तगाल के लीरिया में पारा 13 जुलाई को पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसकी वजह से 3000 हेक्टेयर (7200 एकड़) का एरिया जल गया. आधे से ज्यादा देश में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है. 14 बड़ी आग की घटनाओं से दमकल विभाग निपटने में जुटा रहा.
इटली में 3 जुलाई को इटली में, रिकॉर्डतोड़ गर्मी के कारण डोलोमाइट्स में मर्मोलडा ग्लेशियर के एक हिस्सा टूट गया. बर्फ और चट्टान के हिमस्खलन ने 11 पैदल यात्रियों की जान ले ली ईरान में जून के अंत में पारा 52 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. जबकि चीन में भयंकर गर्मी के कारण सड़कें पिघल गईं, छत टूट गईं और उमस भी बहुत ज्यादा हो गई. नासा ने दो नक्शे जारी किए हैं, जिसमें उसने बताया है कि पिछले 46 साल में कैसे धरती की सूरत की बिगड़ गई है. साल 1976 से लेकर 2022 तक कैसे धरती का नक्शा नीले से लाल हो गया.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर