चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर बुधवार को तकनीकी रोक लगा दी.
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नई दिल्ली: अमेरिका का मानना है कि क्षेत्रीय स्थिरता तथा शांति हासिल करने के मामले में उसके चीन के साथ साझा हित हैं, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी नामित करने में "विफलता" इस लक्ष्य को हासिल करने में बाधक है.
अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह टिप्पणी की .अमेरिका की इस टिप्पणी को चीन की छिपी आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है. चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को बुधवार को बाधित कर दिया था, जिसे लेकर अमेरिका की ओर से यह बयान आया है.
अमेरिका, फ्रांस तथा ब्रिटेन ने ही मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिये प्रस्ताव पेश किया था.
प्रवक्ता ने कहा कि, 'जहां तक चीन की बात है, क्षेत्रीय स्थिरता और शांति हासिल करने के लिए अमेरिका और चीन के साझा हित हैं लेकिन अजहर को नामित करने में विफलता इस लक्ष्य को हासिल करने में बाधा पैदा करेगी.'
उल्लेखनीय है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर बुधवार को तकनीकी रोक लगा दी. फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की '1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी' के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था.
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी. इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है.