खुल गया हिम मानव का रहस्य! भूटान की बर्फिली पहाड़ियों पर दिखे 'येती' के पैरों के निशान!
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खुल गया हिम मानव का रहस्य! भूटान की बर्फिली पहाड़ियों पर दिखे 'येती' के पैरों के निशान!

'येती' के रहस्य से पर्दा उठ गया है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पर्वतारोही स्टीव बैरी ने भूटान में येती के पैरों के निशानों को देखने का दावा किया है। स्टीव ने इसकी तस्वीर भी ली है। उसका कहना है कि तस्वीर में जो पैरों के निशान दिख रहे हैं वह येती के हैं। आपको बता दें कि 'येती' के बारे में कहा जाता है कि वह हिमालय पर्वत की बर्फिली गुफाओं में निवास करता है। स्टीव का कहना है कि ये पैरों के निशान मानव के पैरों के निशान से बड़े हैं। ये निशान बर्फीले तेंदुए और किसी चार टांगों वाले जीव के भी नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा बर्फ पर बने ये निशान बालू के भी नहीं हो सकते क्योंकि वो दो पैरों से चलता है और इतना भारी होता है कि एक के बाद एक पैर के निशान नहीं छोड़ सकता है। 

फोटो साभार- डेली मेल

नई दिल्ली: 'येती' के रहस्य से पर्दा उठ गया है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पर्वतारोही स्टीव बैरी ने भूटान में येती के पैरों के निशानों को देखने का दावा किया है। स्टीव ने इसकी तस्वीर भी ली है। उसका कहना है कि तस्वीर में जो पैरों के निशान दिख रहे हैं वह येती के हो सकते हैं। आपको बता दें कि 'येती' के बारे में कहा जाता है कि वह हिमालय पर्वत की बर्फिली गुफाओं में निवास करता है। 

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स्टीव का कहना है कि ये पैरों के निशान मानव के पैरों के निशान से बड़े हैं। ये निशान बर्फीले तेंदुए और किसी चार टांगों वाले जीव के भी नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा बर्फ पर बने ये निशान बालू के भी नहीं हो सकते क्योंकि वो दो पैरों से चलता है और इतना भारी होता है कि एक के बाद एक पैर के निशान नहीं छोड़ सकता है। 

स्टीव का कहना है कि येती के पैरों के निशानों का यह रास्ता भुटान में सबसे ऊंचे पहाड़ गंगखार पुनसुम में देखा गया था। 66 साल के बैरी दक्षिण ग्लूस्टरशायर में बैडमिंटन के पास रहते हैं। उनका कहना है कि हमने 17800 फीट पर इस जगह खड़े होकर इन निशानों को अपनी आंखों से देखा है।  बैरी का कहना है कि एक याक हर्डर ने उन्हें बताया कि उसने भी 11 साल पहले येती को देखा था। वह उससे 100 यार्ड की दूसरी पर था और उसे देख रहा था। वह भूरे लंबे बालों से ढंका था और उसका चेहरा किसी डॉग की तरह ढंका हुआ था। उसकी लंबाई इंसानों की तरह थी। हालांकि बैरी, उनके गाइड और भूटान का शाही परिवार ने इस क्रिएचर पर अपनी रुचि जाहिर की है। 

 

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