ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने बुधवार को एलान किया कि जनवरी, 2021 से ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज वीसा धारक हांगकांग वासी ब्रिटिश नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.
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लंदन (London) स्थित चीनी (China) दूतावास ने ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल (Priti Patel) के हांगकांग (Hong Kong) के लोगों को ब्रिटेन की नागरिकता से संबंधित ऐलान को चीन के आंतरिक मामलों में दखल बताया है. दरअसल, प्रीति पटेल ने बुधवार को कहा था कि हांगकांग के वो सभी निवासी, जिनके पास ब्रिटेन का ओवरसीज वीजा है, अगले साल जनवरी से ब्रिटेन (Britain) की नागरिकता हासिल करने के योग्य माने जाएंगे.
चीनी दूतावास से जारी बयान में बीजिंग ने कहा है कि अगर ब्रिटेन ने ये फैसला नहीं बदला तो वो उन्हे चीन की कड़ी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना चाहिए. चीनी अधिकारी के मुताबिक इस फैसले का एलान करके ब्रिटेन अपने ही किए गए वायदे से मुकरा है, जिससे न सिर्फ दोनो देशों के बीच तनाव बढ़ेगा,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर भी इसका असर पड़ेगा.
दूतावास की ओर से ये भी कहा गया कि चीन ब्रिटेन से अपील करता है कि वो हांगकांग के जमीनी हालात को समझे जिसके तहत उस क्षेत्र को चीन को सौंपा गया था, और अभी भी उनके पास गलती को अपनी गलती सुधारने का मौका है.
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बताते चलें कि लंदन के फैसले को चीन के उस फरमान का पलटवार माना जा रहा है जिसके तहत बीजिंग ने पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी हांगकांग से जुड़ा एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पास किया था. ये वहीं कानून है जिसे लोकतंत्र समर्थकों ने अपनी आजादी छीनने की साजिश बताया है.
फिलहाल ब्रिटेन के इस एलान से हांगकांग के करीब 30 लाख नागरिकों को ब्रिटेन में बसने का मौका मिलेगा. ब्रिटेन का कहना है कि चीन ने खुद 1984 में की गई संधि का उल्लंघन किया है, तो चीन भी हांगकांग को लेकर ब्रिटेन के किसी भी बयान और फैसले का कड़ा विरोध करता आया.
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