British Royal Family Traditions: अंतिम संस्कार की तैयारी एक निर्धारित आचार संहिता के तहत होती है, जिसमें एक बंदूक गाड़ी और सैन्य दल के साथ जुलूस निकाला जाता है. राजपरिवार के लिए काम करने वाले अंडरटेकर्स और अंतिम क्रिया कराने वाले लेवरटन एंड सन्स ने प्रिंसेज डायना, क्वीन की मां और ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग का अंतिम संस्कार कराया था.
Trending Photos
British Queen Life: ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ का 96 साल की उम्र में निधन हो गया. इसी के साथ उनका 70 साल का शासन भी खत्म हो गया. लेकिन उनका अंतिम संस्कार कोई आसान नहीं रहने वाला है. अप्रैल 2021 में राजपरिवार के सदस्य व ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप का निधन हो गया था. फिलिप ने अपने लिए राजकीय अंतिम संस्कार के बदले औपचारिक शाही अंतिम संस्कार की मांग की थी. राजकीय अंतिम संस्कार आमतौर पर सम्राटों और उनकी पत्नियों को दिया जाता है.
राजकीय अंतिम संस्कार की व्यवस्था अर्ल मार्शल करता है. यही शख्स राज्याभिषेक की व्यवस्था भी करता है. जबकि औपचारिक अंत्येष्टि की व्यवस्था लॉर्ड चेम्बरलेन करते हैं. अपने परिवार की नौंवी पीढ़ी और ब्रिटेन में अंतिम संस्कार कराने वाले सबसे पुरानी संस्था सीपीजे फील्ड है. वह पीढ़ियों से राजपरिवार की अंतिम संस्कार की परंपराओं का हिस्सा रहे हैं. उनका परिवार 1690 से यह काम कर रहा है. सबसे पहले 1852 में फर्स्ट ड्यूक ऑफ वेलिंगटन का राजकीय अंतिम संस्कार किया गया था. इसके बाद सीपीजे फील्ड ने ही किंग एडवर्ड VII और क्वीन विक्टोरिया का भी अंतिम संस्कार कराया था.
क्या होंगे मानक
जब महारानी विक्टोरिया का अंतिम संस्कार हुआ, उसके बाद उसी तरह से राजपरिवार में अंतिम संस्कार किए जाने लगे. महारानी विक्टोरिया ने दरख्वास्त की थी कि उन्हें 'सैनिक की बेटी' के तौर पर दफनाया जाए. लेकिन तब भी उनके अंतिम संस्कार में कई तरह के प्रोटोकॉल्स निभाए गए थे, जो आज राजकीय अंत्येष्टि में मानक हैं. फील्ड परिवार 300 साल से इस काम में लगा हुआ है. परंपराओं और आधुनिकता के बीच में संतुलन बनाना उसके लिए एक अहम काम है.
सीपीजे फील्ड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर जेरेमी फील्ड्स ने कहा, 'मुझे लगता है कि अंतिम संस्कार के तमाम पैटर्न्स काफी हद तक एक जैसे हैं. लेकिन वे बदल रहे हैं. अगर हाल ही में राजपरिवार के अंतिम संस्कारों की बात करें तो ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग के अंतिम संस्कार में कई चीजें ऐसी हुईं, जो पहले से तय थीं.'
कैसे होता है अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार की तैयारी एक निर्धारित आचार संहिता के तहत होती है, जिसमें एक बंदूक गाड़ी और सैन्य दल के साथ जुलूस निकाला जाता है. राजपरिवार के लिए काम करने वाले अंडरटेकर्स और अंतिम क्रिया कराने वाले लेवरटन एंड सन्स ने प्रिंसेज डायना, क्वीन की मां और ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग का अंतिम संस्कार कराया था. अंतिम संस्कार की तैयारियों में मदद के अलावा शाही अंडरटेकर्स पर अचानक होने की मौत के समय योजना बनाने की भी जिम्मेदारी होती है. अगर राजपरिवार का कोई शख्स मर जाता है तो वे उसके लिए स्पेशल कॉफिन तैयार करते हैं.
होती हैं सख्त प्रक्रिया
महारानी/किंग की मृत्यु के बाद रॉयल अंडरटेकर्स को सख्त प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है, लेकिन कई बदलावों ने उन परंपराओं के लचीलेपन के बारे में सवाल खड़े कर दिए हैं जो शाही अंत्येष्टि में शामिल हैं. जब फिलिप की मृत्यु हुई थी, तब रानी के अंतिम संस्कार की प्रक्रियाओं पर भी सवाल खड़े हो गए थे. इसे कोडनेम ऑपरेशन लंदन ब्रिज के तौर पर जाना जाता है. क्वीन के निधन के बाद रॉयल अंडरटेकर्स लेवरटन एंड सन्स ने सभी आपात स्थितियों के लिए तैयारी कर ली है. इसमें फर्स्ट कॉल कॉफिन तैयार रखने जैसी चीज भी शामिल है.
अगर रानी की मृत्यु किसी दूसरे देश में होती, तब उस विमान को द रॉयल फ्लाइट कहा जाता. इसका कॉफिन लेवरटन एंड सन्स की ओर से जाता है. एले की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्वीन का राजकीय अंतिम संस्कार वेस्टमिन्स्टर ऐबी में होगा और लंदन व विंडसर में एक जुलूस निकाला जाएगा. पूरे देश में 2 मिनट का मौन रखा जाएगा.
हालांकि कई शाही अंतिम संस्कार की परंपराएं वक्त की कसौटी से गुज रही हैं. आधुनिकता को अपनाना जरूरी हो गया है. इसलिए अंतिम संस्कार कराने वाले लोगों के सामने शाही प्रोटोकॉल निभाते हुए इसे पूरा कराने की जिम्मेदारी रहेगी और अगर कोई बदलाव होता है तो उसे भी निभाना होगा.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर