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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट Omicron को लेकर एक अच्छी खबर है. Omicron पर पूरी दुनिया चितिंत है लेकिन अब इससे जुड़ी जो सबसे बड़ी खबर आ रही है वो दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से है. जहां Omicron का पहला मामला मिला था उस दक्षिण अफ्रीका में Omicron का पीक गुजर चुका है. वहां की सरकार लोगों को राहत देने लगी है. नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) हटा दिया गया है. Omicron जिसको लेकर डर का माहौल बना हुआ है उसका पीक दक्षिण अफ्रीका में अब गुजर चुका है.
वहीं भारत की बात करें तो AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बेहद राहत वाली बात कही है. AIIMS के डायरेक्टर का कहना है कि Omicron खतरनाक नहीं है और इसके होने पर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं होगी. वैसे जानकार मानते हैं कि Omicron हमारी श्वास नली पर असर डालता है फेफड़े पर नहीं और श्वास नली में हमारे शरीर की एंटीबॉडी उसे कमजोर कर देती है.
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बता दें कि नवंबर के पहले हफ्ते में दक्षिण अफ्रीका में Omicron वेरिएंट की पहचान हुई थी. इसके बाद पूरी दुनिया में इस वेरिंएट को लेकर चर्चा शुरू हो गई. नए वेरिएंट को लेकर दुनियाभर में डर का माहौल बन गया था क्योंकि इस वेरिएंट के फैलने की रफ्तार डेल्टा मुकाबले 70 गुना ज्यादा है. लेकिन अब दक्षिण अफ्रीका में हालात सुधर रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक, 25 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में नए मामलों की संख्या में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई. दक्षिण अफ्रीका ने करीब 50 दिन में ही ओमिक्रॉन पर काबू पा लिया है.
दक्षिण अफ्रीका की सरकार के मुताबिक, देश ने ओमिक्रॉन की लहर को पार कर लिया है. इस दौरान मौतों के आंकड़ों में भी कोई बड़ा उछाल देखने को नहीं मिला है. इसके बाद ही वहां की सरकार ने नाइट कर्फ्यू को तत्काल प्रभाव से हटा लिया है और अन्य तरह की पाबंदियों को भी हटाना शुरू कर दिया है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में दिसंबर के मध्य तक एक दिन में औसत 23 हजार से ज्यादा मामलों ने यहां संक्रमण को चरम पर पहुंचा दिया. यहां पर कोरोना के 95 प्रतिशत सैंपल में ओमिक्रॉन की पुष्टि हो रही थी. इस समय एक दिन में औसतन 11,500 मामले सामने आ रहे हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि एक-दो प्रांत छोड़कर सभी प्रांतों में संक्रमण दर घट गई है वहीं अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.
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हालांकि दक्षिण अफ्रीका ने ओमिक्रॉन पर इतनी आसानी से काबू नहीं पाया बल्कि वहां नाइट कर्फ्यू लगाया गया. वहीं सार्वजनिक सभाओं को भी प्रतिबंध के दायरे में लाया गया. शराब की दुकानों को भी रात 11 बजे के बाद खोलने पर रोक लगा दी गई. इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने टीकाकरण पर जोर दिया, जिससे लोगों की इम्युनिटी मजबूत हो सके और संक्रमण पर रोक लगाई जा सके.
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