Indonesia News: महिला ने मार्च में यह विवादास्पद वीडियो टिकटॉक पर साझा किया था.महिला का कहना था यह तब फिल्माया गया था जब वह बाली में यात्रा कर रही थीं.
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एक महिला को टिकटॉक पर साझा किए गए एक वीडियो के लिए देश के ईशनिंदा कानून के तहत दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक महिला वीडियो में सूअर का मांस खाने से पहले एक इस्लामी प्रार्थना पढ़ते हुए नजर आती है.
सोशल मीडिया पर लीना मुखर्जी के नाम से मशहूर लीना लुत्फियावती पर मंगलवार को सुमात्रा द्वीप के पालेमबांग जिला अदालत में मुकदमा चलाया गया.
अदालत के दस्तावेजों में कहा गया है कि 33 वर्षीय महिला को ‘धार्मिक व्यक्तियों और विशिष्ट समूहों के खिलाफ नफरत भड़काने के उद्देश्य से जानकारी फैलाने’ का दोषी पाया गया.
अदालत ने दी सजा और जुर्माना लगाया
अदालत ने लीना को दो साल की जेल की सजा के साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया गया. अदालत ने कहा कि अगर वह जुर्माना नहीं भरती है तो उसकी जेल की सजा तीन महीने तक बढ़ाई जा सकती है.
मुकदमे के बाद मंगलवार को अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मुखर्जी ने सजा पर हैरानी व्यक्त की. उसने कहा, ‘मुझे पता है कि मैं गलत थी लेकिन मुझे वास्तव में इस सजा की उम्मीद नहीं थी.’ सीएनएन इंडोनेशिया के मुताबिक, यह संभव है कि वह अपील दायर करेगी.
दिया का सबसे बड़ा मुस्लिम राष्ट्र है इंडोनेशिया
इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला मुस्लिम राष्ट्र है, जहां 231 मिलियन लोग, इसकी वयस्क आबादी का कम से कम 93%, मुस्लिम हैं.
इस्लाम में पॉर्क (सूअर का मांस) खाना वर्जित है और इंडोनेशियाई मुसलमान भी इस नियम का पालन करते हैं. लेकिन लाखों गैर-मुसलमानों द्वारा आमतौर पर यह मांस खाते हैं.
मुखर्जी के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स
सीएएन के मुताबिक मुखर्जी -जो अपनी पहचान मुस्लिम बताती हैं- के सोशल मीडिया पर संयुक्त रूप से 2 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह अपने लाइफस्टाइल और फूड वीडियो के लिए जानी जाने वाली, जिसमें वह विभिन्न व्यंजनों को खा रही होती हैं.
मार्च में पोस्ट किया गया था विवादास्पद वीडियो
मुखर्जी ने मार्च में यह विवादास्पद वीडियो टिकटॉक पर साझा किया था. वीडियो में पॉर्क खाने से उन्हें ‘बिस्मिल्लाह’ कहते हुए सुना जा सकता है.
बिस्मिल्लाह इस्लाम में सबसे महत्वपूर्ण और आम पवित्र वाक्यांशों में से एक है। यह कुरान में पहला वाक्यांश है और अक्सर मुसलमानों द्वारा खाने से पहले इसका उच्चारण किया जाता है। इसे अक्सर सामान्य घोषणा के रूप में भी उपयोग किया जाता है.
वीडियो के बारे में मुखर्जी ने कहा कि यह तब फिल्माया गया था जब वह बाली में यात्रा कर रही थीं.
विवादास्पद वीडियो को लाखों बार देखा गया
वीडियो को लाखों बार देखा गया, लेकिन धार्मिक समूहों ने इसकी निंदा की, जिसमें देश की शीर्ष मुस्लिम मौलवी संस्था, इंडोनेशियाई उलेमा काउंसिल भी शामिल थी, जिसने इसे ‘ईशनिंदा’ बताया.
जिसके बाद एक सार्वजनिक शिकायत दर्ज की गई जिससे पुलिस जांच शुरू हो गई, जिसके कारण मुखर्जी पर मुकदमा चलाया गया.