Trending Photos
तेहरान: ईरान (Iran) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) ने साफ कर दिया है उनका अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से मिलने का कोई इरादा नहीं है और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम (Ballistic Missile Program) पर ईरान कोई समझौता नहीं करेगा. रईसी के इस तीखे तेवर से स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है. बता दें कि इब्राहिम रईसी को ईरान का अब तक का सबसे कट्टरवादी राष्ट्रपति माना जा रहा है, उन पर नरसंहार जैसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं.
राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) ने अमेरिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर ईरान कोई समझौता नहीं करेगा और इस मुद्दे पर वह अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात का इरादा नहीं रखते हैं. इस दौरान, रईसी से यह भी पूछा गया कि क्या वह 1988 में पांच हजार लोगों के नरसंहार में शामिल थे? जिसका उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए खुद को मानवाधिकारों का रक्षक बताया.
इब्राहिम रईसी को हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल हुई है. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में देश के इतिहास में इस बार सबसे कम मतदान हुआ. रईसी को ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई का करीबी कहा जाता है, इसलिए उनकी जीत की संभावना शुरुआत से ही काफी ज्यादा थी. न्यायपालिका प्रमुख रहे रईसी अगस्त महीने में मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे.
करीब एक घंटे चली अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में इब्राहिम रईसी शुरुआत में थोड़ा घबराए हुए दिखे, लेकिन बाद में सामान्य हो गए. उन्होंने कहा कि ईरान के खिलाफ सभी कड़े प्रतिबंध वापस लेने के लिए अमेरिका बाध्य है. ईरान के बैलिस्टिक कार्यक्रम और क्षेत्रीय मिलीशिया के बारे में पूछे जाने पर रईसी ने कहा कि इन मुद्दों पर समझौता नहीं हो सकता है. रईसी के तीखे तेवरों से साफ है कि उनका इरादा अमेरिका सहित पश्चिमी देशों से रिश्ते मधुर बनाने का बिल्कुल नहीं है.
सऊदी अरब और इजरायल जैसे दुश्मनों से संतुलन बनाए रखने के लिए ईरान, यमन के हूथी और लेबनान के हिज्बुल्ला जैसे आतंकी समूहों से रिश्ते रखता है. इब्राहिम रईसी ने बातों-बातों में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इन संगठनों के साथ ईरान के रिश्ते बरकरार रहेंगे. गौरतलब है कि इब्राहिम रईसी ने ऐसे समय में जीत हासिल की है, जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए 2015 में हुए समझौते को बचाने के मकसद से वियना में कई देशों की सरकारें प्रयासरत हैं. रईसी की जीत से इस समझौते पर संकट के बदल मंडराने लगे हैं.
वहीं, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी (Jen Psaki) ने कहा कि अमेरिका के ईरान के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं और दोनों देशों के प्रमुखों की मुलाकात की भी कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि ईरान को लेकर अमेरिका की जो नीति पहले थी, वो आज भी है और आगे भी रहेगी. मालूम हो कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ईरान को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते आए थे. उनके कार्यकाल में ईरान पर नए प्रतिबंध भी लगाए गए थे, जिससे ईरान भड़क गया था.