Shinzo Abe Death: जापान को क्यों कहा जाता है शांत देश? पूर्व PM शिंजो आबे की हत्या से सदमे में लोग
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Shinzo Abe Death: जापान को क्यों कहा जाता है शांत देश? पूर्व PM शिंजो आबे की हत्या से सदमे में लोग

Shinzo Abe Death: जापान में किसी भी नागरिक को बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. शांत देश होने के कारण और हिंसक वारदातों के कम होने के कारण लोग बहुत कम संख्या में ही आत्मरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस लेते हैं. 

Shinzo Abe Death: जापान को क्यों कहा जाता है शांत देश? पूर्व PM शिंजो आबे की हत्या से सदमे में लोग

Shinzo Abe Death: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बाद पूरी दुनिया सदमे में है. जापान जैसे शांत देश में कोई खूनखराबे की ऐसी वारदात को भी अंजाम दे सकता है, वहां के लोग इस बात पर यकीन ही नहीं कर पा रहे हैं. वहां के सबसे प्रसिद्ध और चहेते राजनेता के ऊपर हुए इस तरह के हमले ने जापानी नागरिकों को सदमे में डाल दिया. दरअसल जापान ऐसा देश है, जहां रहने वाले ज्यादातर लोग अपनी पूरी जिंदगी बिना बंदूक देखे ही गुजार देते हैं.

जापान में अगर बंदूक का लाइसेंस हासिल करना है तो उसको लेकर वहां कानून बहुत सख्त हैं. यहां किसी भी नागरिक को बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. शांत देश होने के कारण और हिंसक वारदातों के कम होने के कारण लोग बहुत कम संख्या में ही आत्मरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस लेते हैं. आबे पर जिस बंदूक से हमला किया गया था वह भी गैर लाइसेंसी हथियार बताया जा रहा है और देसी तरीके से उसे तैयार किया गया था. 

शिंजो आबे पर हमला करने वाला कौन ?

शिंजो आबे को गोली मारने वाले शख्स नाम है तेत्सुया यामागामी है. सूत्रों के मुताबिक हमला करने के बाद 41 साल का तेत्सुया यामागामी घटनास्थल पर ही खड़ा रहा. शिंजो आबे के बॉडी गार्ड्स और पुलिस ने उसे घटनास्थल से ही हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया. तेत्सुया यामागामी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह शिंजो आबे से खुश नहीं था और उसने उनकी हत्या करने के मकसद से ही हमला किया था. जापानी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि हमलावर तेत्सुया यामागामी सेल्फ डिफेंस फोर्स का पूर्व सदस्य था और उसने 2002 से 2005 तक सेल्फ डिफेंस फोर्स में काम किया था.

शांत जीवन जीने में यकीन रखते हैं जापानी

जापान के विश्वविद्यालयों में कई राइफलरी क्लब हैं और जापानी पुलिस भी सशस्त्र हैं. इसके बावजूद भी जापान के लोग शांत जीवन व्यतीत करने में यकीन रखते हैं. आपके लिए हम एक आंकड़ा निकालकर लाए हैं. इससे आप सबके लिए ये समझना और आसान हो जाएगा कि दरअसल जापान दुनिया के अलग अलग देशों की अपेक्षा ज्यादा शांतिप्रिय क्यों माना जाता है. इस आंकड़े के मुताबिक 12.58 करोड़ की आबादी वाले जापान में पिछले साल बंदूक से संबंधित केवल 10 आपराधिक मामले थे. इन घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और चार घायल हुए थे. इनमें से आठ मामले गिरोह से जुड़े हुए थे. 

इस साल यानी 2022 में राजधानी टोक्यो में बंदूक से संबंधित घटनाओं, चोटों या मौत का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ था. हालांकि, इस शहर से 61 बंदूकें जरूर जब्त की गई थीं, ऐसे में एक बंदूक से देश के सबसे बड़े राजनेता की हत्या ने पूरे जापान को झकझोर कर रख दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद अब देश के मंत्रियों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. 

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