किम जोंग उन पहुंचे रूस, हो सकती है पुतिन से मुलाकात, अमेरिका क्यों है इस मीटिंग से परेशान
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किम जोंग उन पहुंचे रूस, हो सकती है पुतिन से मुलाकात, अमेरिका क्यों है इस मीटिंग से परेशान

Kim Jong Un Russia Visit: दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियोन हा ग्यू ने एक ब्रीफिंग में कहा कि सेना का आकलन है कि किम की ट्रेन मंगलवार तड़के किसी समय रूस में दाखिल हुई. 

किम जोंग उन पहुंचे रूस, हो सकती है पुतिन से मुलाकात, अमेरिका क्यों है इस मीटिंग से परेशान

World News in Hindi: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के लिए मंगलवार को रूस पहुंच गए हैं. ऐसी उम्मीद है कि उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक बैठक हो सकती है. एफी के मुताबिक इस संभावनित बैठक ने यूक्रेन में जारी युद्ध में रूस के संभावित हथियार सौदे को लेकर पश्चिमी देशों में चिंताएं बढ़ गईं हैं. अमेरिका का आरोप है कि इस संभावित बैठक में उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हथियारों की सप्लाई पर चर्चा हो सकती है. 

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने कहा कि किम रविवार दोपहर को राजधानी प्योंगयांग से अपनी निजी ट्रेन में सवार हुए और उनके साथ देश की सत्तारूढ़ पार्टी, सरकार और सेना के सदस्य भी थे. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियोन हा ग्यू ने एक ब्रीफिंग में कहा कि सेना का आकलन है कि किम की ट्रेन मंगलवार तड़के किसी समय रूस में दाखिल हुई. उन्होंने यह नहीं बताया कि सेना को खबर कैसे मिली. 

अमेरिकी अधिकारियों ने जारी की थी खुफिया जानकारी
अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले हफ्ते खुफिया जानकारी जारी की थी कि उत्तर कोरिया और रूस अपने नेताओं के बीच एक बैठक की व्यवस्था कर रहे हैं, जो इस महीने हो सकती है. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, पुतिन हथियारों के घटते भंडार को फिर से भरने के लिए उत्तर कोरियाई तोपों और अन्य गोला-बारूद की अधिक आपूर्ति हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि वह यूक्रेन के जवाबी हमलों को शांत करना चाहते हैं और दिखाना चाहते हैं कि वह एक लंबे युद्ध को चलाने में सक्षम हैं.

ऐसा होने पर अमेरिका और उसके साझेदारों पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए अधिक दबाव पड़ सकता है क्योंकि पिछले 17 महीनों में यूक्रेन को उन्नत हथियारों की भारी भरकम खेप भेजने के बावजूद लंबे संघर्ष के खत्म होने के संकेत नहीं मिले हैं.

विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास संभवतः सोवियत डिज़ाइन पर आधारित लाखों तोप के गोले और रॉकेट हैं, जिससे रूसी सेना को मदद मिलने की संभावना है.

(इनपुट - एजेंसी)

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