Hezbollah Military Strength: लेबनानी आर्मी से ज्यादा ताकतवर! इजरायल को चुनौती देने वाले हिजबुल्लाह के पास कौन-कौन से हैं हथियार?
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Hezbollah Military Strength: लेबनानी आर्मी से ज्यादा ताकतवर! इजरायल को चुनौती देने वाले हिजबुल्लाह के पास कौन-कौन से हैं हथियार?

Israel-Hezbollah Confrontation: जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा हिज्बुल्लाह और इजरायल में युद्ध हुआ तो यह दोनों पक्षों के लिए जोखिम भरा होगा. पिछली बार इजरायल-हिजबुल्ला ने 2006 में युद्ध लड़ा था.

Hezbollah Military Strength: लेबनानी आर्मी से ज्यादा ताकतवर!  इजरायल को चुनौती देने वाले हिजबुल्लाह के पास कौन-कौन से हैं हथियार?

Hezbollah News: उत्तरी इजरायल में मिसाइल इंटरसेप्ट से निकलने वाले धुएं और दक्षिणी लेबनान में हवाई हमलों से निकलने वाली आग इस आशंका को बल दे रहे हैं कि गाजा युद्ध एक व्यापक संघर्ष में बदल सकता है. जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो यह दोनों पक्षों के लिए जोखिम भरा होगा. पिछली बार इजरायल-हिजबुल्ला ने 2006 में युद्ध लड़ा था.

बुधवार को हिजबुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह की ओर धमकी दी गई कि युद्ध की स्थिति में इजरायल में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं रहेगा, यहां तक ​​कि साइप्रस और भूमध्य सागर के अन्य हिस्से भी खतरे में पड़ जाएंगे. उनका यह बयान दरअसल दोनों पक्षों की ओर से की गई बयानबाजी की नवीनतम कड़ी है.

अक्टूबर में गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से हिजबुल्लाह अपने फिलिस्तीनी सहयोगी हमास के साथ एकजुटता में इजरायल पर रॉकेट दाग रहा है.  

रॉयटर्स के मुताबिक हिजबुल्लाह के रॉक्टे हमलों की वजह से हजारों लोगों को इजरायल में अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है. इजरायली सरकार पर हिजबुल्लाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है.

अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हिजबुल्लाह के कितनी ताकत है जो वो इजरायल को चुनौती देने की हिम्मत कर रहा है: -

लेबनानी आर्मी से ज्यादा ताकतवर!
हिजबुल्लाह, एक लेबनानी शिया इस्लामवादी राजनीतिक दल और मिलिशिया ग्रुप है. इसकी मिलिट्री विंग बहुत ताकतवर है माना जाता है कि यह लेबनानी आर्मी से भी अधिक मजबूत है.  इसे मध्यम आकार की सेना की सशस्त्र ताकत के बराबर माना जाता है.  

हिजबुल्लाह को आमतौर पर दुनिया में सबसे शक्तिशाली नॉन-स्टेट एक्टर माना जाता है.

मिलिट्री ताकत
रॉयटर्स के मुताबिक यूएस सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की वर्ल्ड फैक्टबुक के अनुसार, हिजबुल्लाह की सैन्य ताकत 150,000 से ज़्यादा मिसाइलों और विभिन्न प्रकार और रेंज के रॉकेटों पर टिकी हुई है.

हिजबुल्लाह का कहना है कि उसके पास ऐसे रॉकेट हैं जो इज़राइल के सभी इलाकों को निशाना बना सकते हैं. उनमें से कई बिना दिशा वाले हैं, लेकिन उसके पास सटीक मिसाइलें, ड्रोन और एंटी-टैंक, एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी-शिप मिसाइलें भी हैं.

हिजबुल्लाह का मुख्य समर्थक और हथियार आपूर्तिकर्ता ईरान है. विश्लेषकों का कहना है कि तेहरान इराक और सीरिया के ज़रिए ज़मीन के रास्ते ग्रुप को हथियार भेजता है. ये दोनों ऐस मध्य पूर्वी देश हैं जहां ईरान के करीबी संबंध और प्रभाव हैं. शिया मुस्लिम ग्रुप के कई हथियार ईरानी, ​​रूसी या चीनी मॉडल के हैं.

नसरल्लाह ने कहा कि 2021 में समूह के पास 100,000 फाइटर हैं. सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक का कहना है कि 2022 में अनुमान है कि ग्रुप के पास 45,000 फाइटर होंगे, जिनमें से लगभग 20,000 पूर्णकालिक और 25,000 रिज़र्व कर्मी होंगे.

एंटी-टैंक मिसाइलें
रॉयटर्स के मुताबिक हिजबुल्लाह ने 2006 के युद्ध में बड़े पैमाने पर गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था. इसने हाल ही में शुरू हुए युद्ध में फिर से गाइडेड रॉकेट तैनात किए हैं. इनमें रूसी निर्मित कोर्नेट शामिल है.

ईरान समर्थक अरबी प्रसारक अल-मायादीन की एक रिपोर्ट के अनुसार हिजबुल्लाह ने ईरान निर्मित निर्देशित मिसाइल का भी इस्तेमाल किया है जिसे 'अल-मास' के नाम से जाना जाता है.

अप्रैल में प्रकाशित इजरायल के अल्मा रिसर्च एंड एजुकेशन सेंटर की एक रिपोर्ट में अल-मास को एक एंटी-टैंक हथियार के रूप में वर्णित किया गया है .

एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें
हिजबुल्लाह ने 6 जून को कहा कि उसने एक इजरायली युद्धक विमान पर हमला किया है. इसके शस्त्रागार से परिचित एक सूत्र ने बताया यह पहली बार था जब ग्रुप ने ऐसा किया था. सूत्र ने इसे एक मील का पत्थर बताते हुए लेकिन इस्तेमाल किए गए हथियार की पहचान करने से इनकार कर दिया.

हिजबुल्लाह ने इस संघर्ष के दौरान जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल करके इजरायली ड्रोन को भी मार गिराया है. इस तरह की पहली घटना 29 अक्टूबर को हुई थी, तब हिजबुल्लाह ने पहली बार कहा था कि उसने एंटी एयरक्राफ्ट हथियार का इस्तेमाल किया है. 

हिजबुल्लाह ने तब से कई बार ऐसी मिसाइलों का इस्तेमाल किया है, जिसने इजरायली हर्मीस 450 और हर्मीस 900 ड्रोन को मार गिराया गया है. 

हिजबुल्लाह ने बार-बार एक्सप्लोसिव वन-वे ड्रोन लॉन्च किए हैं. इसने इजरायली वायु रक्षा को विचलित करने के लिए कुछ ड्रोन लॉन्च किए, जबकि विस्फोटकों से लदे ड्रोन को टारगेट पर उड़ाया गया.

हाल ही में, ग्रुप ने ऐसे ड्रोन के बारे में बताया है जो बम गिराते हैं और लेबनान लौट जाते हैं, न कि सिर्फ अपने लक्ष्यों की ओर उड़ान भरते हैं.

हिजबुल्लाह के ड्रोन में स्थानीय रूप से इकट्ठे किए गए अयूब और मर्साद मॉडल शामिल हैं, जिनके बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि वे सस्ते और अपेक्षाकृत आसानी से बनने वाले हैं.

एंटी शिप मिसाइलें
हिजबुल्लाह ने पहली बार 2006 में साबित किया था कि उसके पास एंटी-शिप मिसाइलें हैं, जब उसने तट से 16 किमी. (10 मील) दूर एक इजरायली युद्धपोत पर हमला किया था, जिसमें चार इजरायली कर्मियों की मौत हो गई थी और जहाज क्षतिग्रस्त हो गया था. 

रॉयटर्स के मुताबिक 2006 के युद्ध के बाद से, हिजबुल्लाह ने 300 किलोमीटर (186 मील) की रेंज वाली रूसी निर्मित याखोंट एंटी-शिप मिसाइल हासिल कर ली है. उसके शस्त्रागार से परिचित सूत्रों ने यह जानकारी दी है. हिजबुल्लाह ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसके पास यह हथियार है. 

File photo courtesy: Reuters

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