Myanmar Aung San Suu Kyi: म्यांमार में लोकतंत्र लाने वाली महिला आंग सान सू की जेल में कई सालों की सजा काट रही थीं. आज सुबह अचानक सेना ने उन्हें जेल से उनके घर भेज दिया.
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Aung San Suu Kyi in house arrest: कुछ लोग उसूलों पर चलते हैं. उन्हें मौत का डर नहीं होता है. ऐसे मजबूत इरादों वाले लोगों की सूची में महिलाओं की कमी नहीं है. यहां बात म्यांमार में लोकतंत्र लाने वाली महिला आंग सान सू की जो लंबे समय से जेल की सलाखों के पीछे हैं. कुछ घंटों पहले अचानक सेना ने उन्हें जेल से रिहा करके घर भेज दिया तो तमाम अटकलों का दौर शुरू हो गया. इसके बाद म्यामांर की सेना ने स्टेटमेंट जारी करते हुए आंग सान सू ची को जेल से घर भेजने की वजह बताई है.
सेना का बयान
म्यामांर सेना के बयान में साफ-साफ लिखा है कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की को स्वास्थ्य कारणों से जेल से छोड़ा गया है. उन्हें उनके घर में भेजा गया है. जहां वह नजरबंदी में रहेंगी. इस तरह उनके हाउस अरेस्ट की पुष्टि हुई है.
काफी समय से बीमार है सूकी?
आंग सान सू का जन्म 19 जून, 1945 को हुआ था. करीब 80 साल की सू की उम्र संबंधी बीमारियां हैं. उनके बेटे किम आरिस ने पिछले साल जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे. किम आरिस ने कहा था- 'मेरी मां को चक्कर आते हैं. उन्हें उल्टियां हो रही हैं. वे ठीक से चल भी नहीं पा रही हैं. उनका अपने निजी डॉक्टर से भी कोई संपर्क नहीं है. मैं बीते दो सालों से उनसे बात तक नहीं कर पाया हूं. जहां तक मुझे पता है, उन्हें किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं है. उन्हें दूसरे कैदियों से बात करने की भी इजाजत नहीं है. यानी वो एक तरह के एकांत कारावास में हैं.'
इन आरोपों का खंडन करते हुए म्यामांर की सेना ने उनकी हालत स्थिर होने का दावा किया था. दूसरी ओर सूत्रों के हवाले से उनकी सेहत लगातार खराब रहने की खबरें आ रही थीं. ऐसे आरोपों के बाद आखिरकार सेना ने उन्हें हाउस अरेस्ट में रखने का फैसला करते हुए मेडिकल ग्राउंड पर घर में नजरबंद कर दिया है.
सू की को मिली थी 33 साल की बड़ी सजा
म्यांमार की सेना ने 2021 में आंग सान सू ची की लोकतांत्रिक तरह से बनी सरकार का तख्तापलट कर दिया था. देश में सैन्य शासन थोप दिया गया था. उसी समय आंग सान सू की को गिरफ्तार किया गया था. म्यांमार की सैन्य अदालत ने अपदस्थ नेता आंग सान सू की को 19 मामलों में दोषी ठहराते हुए 33 साल की कठोर सजा सुनाई थी. तब से वह जेल में थीं. हालांकि उनके समर्थकों और कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा था कि ऐसा उन्हें बदनाम करने और सेना के तख्तापलट को वैध ठहराने की कोशिश और सक्रिय राजनीति में वापस आने से रोकने का प्रयास बताया था.
2023 में सेना ने किया डैमेज कंट्रोल?
2023 में म्यांमार में इमरजेंसी बढ़ाने और चुनाव स्थगित करने के बाद, सैन्य सरकार ने अपदस्थ नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को 19 में से पांच आरोपों में माफी दी थी. इसके साथ ही उनकी सजा 6 साल कम होकर 33 से घटकर 27 साल हो गई थी. सैन्य सरकार के प्रमुख, जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने आंग सान सू की के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति विन म्यिंट को भी सजा में राहत देते हुए म्यांमार में 7749 अन्य कैदियों को रिहा किया था.
(इनपुट: AP)