NASA OSIRIS-ReX: यह कैप्सूल एक छोटे फ्रिज के साइज का है. एस्टेरॉयड का सैंपल लाने के लिए यह अमेरिका का पहला मिशन था. OSIRIS-REx ने तीन साल पहले बेन्नू से सैंपल इकट्ठा किया था. इसके बाद यह धरती की ओर रवाना हो गया.
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Osiris-Rex Spacecraft: अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों से एस्टेरॉयड के नमूनों को लेकर नासा का पहला स्पेस कैप्सूल 7 साल की यात्रा पूरी कर रविवार (24 सितंबर 2023) को उताह रेगिस्तान में उतर गया. पृथ्वी के पास से गुजरते हुए OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट ने कैप्सूल को 63,000 मील (100,000 किलोमीटर) दूर से छोड़ा. लगभग चार घंटे बाद यह कैप्सूल पैराशूट के जरिये सेना के उताह टेस्ट एंड ट्रेनिंग रेंज में उतर गया. यह स्पेसकाफ्ट करीब 643 करोड़ किमी की यात्रा तय कर धरती पर लौटा है.
वैज्ञानिकों को बेन्नू नाम के कार्बनसे लैस एस्टेरॉयड से कम से कम एक कप मलबा मिलने का अनुमान है. हालांकि, जब तक कंटेनर को खोला नहीं जाता, उसमें मिलने वाली सामग्री के बारे में पुष्ट तरीके से कुछ भी नहीं कहा जा सकता.
निकला था एक चम्मच मलबा
एस्टेरॉयड के नमूने वापस लाने वाला इकलौता अन्य देश जापान दो एस्टेरॉयड मिशन से केवल एक चम्मच मलबा ही जमा कर सका था. दरअसल इस कैप्सूल में उस एस्टेरॉयड की मिट्टी का सैंपल है, 24 सितंबर 2182 यानी 159 साल बाद पृथ्वी से टकरा सकता है.
बताया जा रहा है कि अगर ये एस्टेरॉयड धरती से टकराया तो इतनी तबाही मचेगी, जितनी 22 परमाणु बमों के फटने से होती है.
रविवार को पहुंचे एस्टेरॉयड के नमूनों की स्टडी से वैज्ञानिकों को 4.5 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल की शुरुआत के संबंध में और बेहतर ढंग से यह समझने में मदद मिलेगी कि पृथ्वी और जीवन ने कैसे आकार लिया.
OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट ने 2016 में अपना मिशन शुरू किया था और इसने बेन्नू नाम के एस्टेरॉयड के नजदीक पहुंचकर 2020 में नमूने एकत्र किए थे. इन नमूनों को सोमवार को ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में ले जाया जाएगा.
पता चलेगा कितना ताकतवर है एस्टेरॉयड
OSIRIS-REx में आए मिट्टी के सैंपल से यह भी मालूम किया जाएगा कि बेन्नू एस्टेरॉयड कितना ताकतवर है. क्या उसे स्पेस में ही मिसाइल के जरिए तबाह किया जा सकता है या फिर उसकी दिशा को बदलने के लिए किसी स्पेसक्राफ्ट या फिर मिसाइल को स्पेस में भेजने की जरूरत पड़ेगी.
गौरतलब है कि यह कैप्सूल एक छोटे फ्रिज के साइज का है. एस्टेरॉयड का सैंपल लाने के लिए यह अमेरिका का पहला मिशन था. OSIRIS-REx ने तीन साल पहले बेन्नू से सैंपल इकट्ठा किया था. इसके बाद यह धरती की ओर रवाना हो गया.
45 किलो के इस कैप्सूल में 250 ग्राम का सैंपल मौजूद है. जब यह धरती के वायुमंडल में घुसा तो इसे लावा से दोगुना ज्यादा गर्म टेंपरेचर को सहना पड़ा. यह स्पेस से धरती पर हाइपरसॉनिक स्पीड में ट्रैवल करते हुए आया. जिस रफ्तार से यह धरती के वायुमंडल में आया, वह अद्भुत है. यह हीटशील्ड से लैस है, जिससे यह धरती के वायुमंडल में आने पर जलेगा नहीं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)