China Vs America: जैसकोलस्की के विश्लेषण से पता चलता है कि फरवरी में अमेरिकी इलाके में उड़ान भरने वाला गुब्बारा एक वक्त में मोंटाना राज्य में न्यूक्लियर एयर डिफेंस इस्टेब्लिशमेंट से महज 130 किलोमीटर दूर था.
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China Vs Taiwan: चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. दुनिया में अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए बदनाम चीन की एक और पोल सबूत के साथ खुल गई. दरअसल, ब्रिटिश मीडिया ने जापान और ताइवान समेत अन्य देशों के ऊपर चीन के जासूसी गुब्बारे उड़ाए जाने के सोमवार को नए सबूत दिए. ये सबूत ऐसे मौके पर सामने आए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी तट पर ऐसा ही एक गुब्बारा गिराए जाने के बाद चीन-यूए के संबंधों में और खटास आ गई है.
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) को पूर्वी एशिया पार करते गुब्बारों की कई तस्वीरें मिली हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी सिंथेटिक के साथ करने के दौरान उसको यह तस्वीरें मिली हैं. यह कंपनी सैटेलाइट्स से भारी संख्या में मिले आंकड़ों की जांच करती है.
जापान पार करने का मिला सबूत
बीबीसी की खबर के मुताबिक, कंपनी के संस्थापक कोरे जैसकोलस्की को एक गुब्बारे के सितंबर 2021 में उत्तरी जापान को पार करने का सबूत मिला है. इन तस्वीरों को पहले पब्लिश नहीं किया गया. जैसकोलस्की का यह भी मानना है कि सबूतों से पता चलता है कि इस गुब्बारे को चीन के अंदरूनी हिस्से से छोड़ा गया था.
अमेरिका-चीन के संबंध इस साल फरवरी में तब और बिगड़ गए थे जब तीन बसों के आकार के चीन के एक जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी सैनिकों ने अटलांटिक महासागर के तट पर मार गिराया था. चीन लगातार दावा करता रहा है कि अमेरिकी एयरस्पेस में जो गुब्बारा दिखा, उसका कोई मिलिट्री से जुड़ा मकसद नहीं था. इसका इस्तेमाल मौसम विज्ञान जैसी वैज्ञानिक रिसर्च के लिए किया गया.
अमेरिका में दिखा था स्पाई बैलून
जैसकोलस्की के विश्लेषण से पता चलता है कि फरवरी में अमेरिकी इलाके में उड़ान भरने वाला गुब्बारा एक वक्त में मोंटाना राज्य में न्यूक्लियर एयर डिफेंस इस्टेब्लिशमेंट से महज 130 किलोमीटर दूर था.
लंदन में चीन के दूतावास ने एक बयान में अमेरिका पर बड़ी संख्या में काफी ऊंचाई पर गुब्बारे छोड़ने का आरोप लगाया जिन्होंने लगातार विश्व को घेरा है और गैरकानूनी तरीके से चीन के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी है. बीबीसी ने चीनी दूतावास के बयान के हवाले से कहा, 'चीन एक जवाबदेह देश है जो अंतरराष्ट्रीय कानून का हमेशा सख्ती से पालन करता है और सभी देशों की संप्रभुत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है.'
(इनपुट-PTI)