Pakistan-Taliban Attack: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इन दिनों हालत ठीक नहीं हैं, पाकिस्तानी एअर स्ट्राइक के बाद तनाव और बढ़ गया है. तालिबान ने एअर स्ट्राइक का जवाब देते हुए सीमा पर पाकिस्तान की कई चौंकियों पर गोले बरसाए. इसके बाद पाकिस्तान को कुछ और नहीं सूझा तो अपने सेना के कैप्टन और लेफ्टिनेंट को बर्खास्त कर दिया. आइए समझे ऐसा पाकिस्तान ने क्यों किया.
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Defence Minister Khawaja Asif: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार को डॉन न्यूज टीवी से बातचीत के दौरान एक खुलासा करते हुए बताते हैं कि मैंने 2 या 3 फाइल पर हस्ताक्षर किए थे. जिसके बाद सेना के दो अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया था. जिन दो सेना के अधिकारियों को बर्खास्त किया गया,उनका रिश्ता अफगानिस्तान से बताया गया. यह खुलासा अफगानिस्तान में पाकिस्तानी वायु सेना की एयरस्ट्राइक के बाद हुआ है. इस एयरस्ट्राइक को लेकर दोनों देशों में तनाव जबरदस्त है.
आठ अफगानी महिलाओं और बच्चों की मौत
पाकिस्तान के इस हवाई हमले में आठ अफगानी महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई, जबकि पाकिस्तान का दावा है कि उसने आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा है. लेकिन अफगानिस्तान मानने को तैयार नहीं है. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान में छिपे आतंकी उसकी जमीन पर हमला कर रहे हैं. उसने अफगान तालिबान से अलग हुए समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर हमले का आरोप लगाया है. जिसके बाद तालिबान के सैनिकों ने पाकिस्तान की चौंकियों पर जमकर हमला किया. और चेतावनी देते हुए बताया कि हमें हल्के में न लें.
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जानें रक्षामंत्री ने क्या किया खुलासा
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुलासा किया कि ये दो अफगान नागरिक पाकिस्तानी सेना में भर्ती हो गए थे. सबसे बड़ी बात यह कि इसमें एक कैप्टन के पद तक भी पहुंच गया था, इससे पहले कि उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.
कब किया बर्खास्त
आसिफ ने कहा कि पिछले पीएमएल-एन कार्यकाल के दौरान जब मैं रक्षा मंत्री था तभी सेना में शामिल अफगान नागरिकों को बर्खास्त करने के लिए फाइलों पर हस्ताक्षर किए थे. जिसमें एक कैप्टन था और दूसरा लेफ्टिनेंट की पोस्ट तक आ चुका था.
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सेना अधिकारी रहते थे पाकिस्तान, संपत्ति बनाई क्वेटा में
आसिफ ने इंटरव्यू में बात करते हुए बताया कि अधिकारी के पिता ने एक पत्र लिखकर दावा किया कि भले ही वह एक अफगान नागरिक थे, लेकिन वह वर्षों से पाकिस्तान में रह रहे थे और क्वेटा में उनकी संपत्ति और व्यवसाय था. उनका कहना था कि बाकी सभी देशों की सीमा सुरक्षित है, लेकिन डूरंड रेखा (अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,611 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. इसे ही डूरंड रेखा कहा जाता है) की सीमा बहुत सुरक्षित नहीं है. इसी सीमा के सहारे कोई भी हमारे देश में प्रवेश कर सकता है, सालों तक रह सकता है, आईडी कार्ड प्राप्त कर सकता है और यहां तक कि सेना में भी शामिल हो सकता है. रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ भी वैसा ही सीमा पार प्रोटोकॉल चाहता है जैसा वह भारत के साथ रखता है. जिससे पाक की धरती पर कोई भी नहीं आ सकता.
अफगानों को निकालने की पाक की मुहिम
पाकिस्तान ने पिछले सालोंसे देश में अवैध रूप से बसे अफगान लोगों को निकालने का अभियान शुरू किया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा भौगोलिक बनावट की वजह से खुली हुई है जिसकी वजह से घुसपैठिए आसानी से पाकिस्तान में प्रवेश कर सकते हैं.
तालिबान और पाकिस्तान में दुश्मनी की वजह
मीडिया रिपोर्ट की माने तो लगभग 17 लाख अफगानी पाकिस्तान में रहते हैं.जिनमें से 14 लाख लोगों को शरणार्थी का दर्जा प्राप्त है. पाकिस्तान के अधिकारियों ने अफगानों के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा कि उचित दस्तावेजों के बिना रह रहे व्यक्ति को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ना होगा नहीं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. पाकिस्तान के इस ऐलान के बाद से अफगानिस्तान का शासन चला रहे तालिबान के साथ उसके रिश्तों में कड़वाहट आई है. और जिस तालिबान के विजय होने पर पाकिस्तान ने खुशी बनाया था आज दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हैं.