Pakistan: कट्टरपंथियों के निशाने पर रही महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा करतारपुर साहिब में स्थापित, सरकार का वादा- करेंगे पूरी सुरक्षा
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Pakistan: कट्टरपंथियों के निशाने पर रही महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा करतारपुर साहिब में स्थापित, सरकार का वादा- करेंगे पूरी सुरक्षा

Pakistan News: सिख साम्राज्य के पहले शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को करतारपुर साहिब में स्थायी ठिकाना मिल गया. यह प्रतिमा लाहौर के किले में स्थापित की गई थी लेकिन कट्टरपंथियों ने इसे बार-बार निशाना बनाया.

Pakistan: कट्टरपंथियों के निशाने पर रही महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा करतारपुर साहिब में स्थापित, सरकार का वादा- करेंगे पूरी सुरक्षा

Statue of Maharaja Ranjit Singh at Kartarpur Sahib: सिख साम्राज्य के पहले शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को करतारपुर साहिब में स्थायी ठिकाना मिल गया. यह प्रतिमा लाहौर के किले में स्थापित की गई थी लेकिन कट्टरपंथियों ने इसे बार-बार निशाना बनाया. अब सरकार ने वादा किया है कि प्रतिमा की पूरी सुरक्षा की जाएगा. 

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक प्रतिमा को एक समारोह में करतापुर साहिब में स्थापित किया गया. समारोह में पंजाब के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार रमेश सिंह अरोड़ा, पीएमयू करतारपुर के अधिकारी और भारत से आए सिख तीर्थयात्री शामिल हुए.

प्रतिमा की पूरी सुरक्षा की जाएगी
रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रतिमा पिछले एक साल से गुरुद्वारे में रखी हुई थी. सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने विश्वास दिलाया कि महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा की अच्छी तरह सुरक्षा की जाएगी.

अरोड़ा ने कहा कि प्रतिमा को करतारपुर साहिब में स्थापित किया गया है ताकि दुनिया भर से सिख तीर्थयात्री और पर्यटक इसे देख सकें. उन्होंने लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की समाधि के सौंदर्यीकरण की योजना का भी जिक्र किया.

लाहौर के किले में स्थापित की गई थी प्रतिमा
रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रतिमा महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु की 180वीं वर्षगांठ के अवसर पर जून 2019 में लाहौर के शाही किले में स्थापित की गई थी. हालांकि, कट्टरपंथियों ने इसे तीन बार क्षतिग्रस्त कर दिया.

सिख इतिहासकार ने भेंट की थी प्रतिमा
250-350 किलो वजनी यह प्रतिमा मूल रूप से शाही किले में रानी जिंदन की हवेली के सामने रखी गई थी. कांस्य प्रतिमा में महाराजा रणजीत सिंह को 'किफ बहार' नामक अरबी घोड़े पर सवार दिखाया गया है. इसे सिख इतिहासकार बॉबी सिंह बंसल ने उपहार में दिया था. बंसल ब्रिटेन के एसके फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं.

तीन बार कट्टरपंथियों ने पहुंचा नुकसान
यह मूर्ति एक खूबसूरत कृति है, जिसे फकीर खाना म्यूजिय के निदेशक फकीर सैफ़ुद्दीन की देखरेख में बनाया गया था. हालांकि यह कट्टरपंथियं की आंखों में खटकती रही और इसे - सितंबर 2020 में, फिर दिसंबर 2020 में और अगस्त 2021 में - तीन बार नुकसान पहुंचाया गया.

लाहौर प्राधिकरण ने इस प्रतिमा की मरम्मत की लेकिन आगे फिर तोड़फोड़ की चिंताओं के कारण शाही किले में इसे स्थापित नहीं किया गया.

आखिरकार इसे दिसंबर 2023 में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर में लाया गया. जहां इसे पिछले एक साल से करतारपुर दर्शन बिंदु के पास रखा गया था.

सिख साम्राज्य के संस्थापक
महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के सिख साम्राज्य के संस्थापक और महाराजा थे.  अपने चरम पर, उनका क्षेत्र उत्तर-पश्चिम में खैबर दर्रे से लेकर पूर्व में सतलुज नदी तक और भारतीय उपमहाद्वीप की उत्तरी सीमा पर कश्मीर क्षेत्र से दक्षिण की ओर थार (ग्रेट इंडियन) रेगिस्तान तक फैले हुए था. हालांकि वे अशिक्षित थे, लेकिन वे इंसाफ पसंद थे और धार्मिक कट्टरता से मुक्त थे. उन्हें अपने विरोधियों के साथ सौम्य व्यवहार के लिए भी जाना जाता है. 

(Photo Courtesy- Facebook)

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