Donald Trump: ट्रंप मानते थे जिसकी हर बात! उसपर लगा रूसी मीडिया के लिए काम करने का आरोप
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Donald Trump: ट्रंप मानते थे जिसकी हर बात! उसपर लगा रूसी मीडिया के लिए काम करने का आरोप

US politics: अमेरिका सरकार ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान में सलाहकार की भूमिका निभाने वाले दिमित्री साइम्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Donald Trump: ट्रंप मानते थे जिसकी हर बात! उसपर लगा रूसी मीडिया के लिए काम करने का आरोप

US politics: अमेरिका सरकार ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान में सलाहकार की भूमिका निभाने वाले दिमित्री साइम्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दिमित्री, जो रूस में जन्मे एक अमेरिकी नागरिक हैं, पर आरोप है कि उन्होंने एक प्रतिबंधित रूसी सरकारी टेलीविजन चैनल के लिए काम किया और उससे मिले धन का शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) किया.

आरोपों की जानकारी

अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को लगाए गए आरोपों में कहा गया कि दिमित्री साइम्स और उनकी पत्नी अनासतासिया को रूसी सरकारी चैनल 'चैनल-वन' के लिए काम करने के बदले में 10 लाख डॉलर और एक कार सहित ड्राइवर की सुविधाएं दी गईं. गौरतलब है कि अमेरिका ने 2022 में रूस के इस चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध रूस के यूक्रेन पर हमले के विरोध में लगाया गया था.

दिमित्री की भूमिका

दिमित्री साइम्स का नाम 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में तब सुर्खियों में आया, जब उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान के लिए सलाहकार की भूमिका निभाई. वह वाशिंगटन डी.सी. में एक थिंकटैंक चलाते हैं, जिसने ट्रंप के चुनाव अभियान को सलाह दी थी. वर्तमान में, माना जा रहा है कि दिमित्री और उनकी पत्नी रूस में रह रहे हैं, जबकि उनका स्थायी निवास अमेरिका के वर्जीनिया में है.

संभावित सजा

अगर दिमित्री और उनकी पत्नी इन आरोपों में दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 20 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. यह सजा अमेरिकी कानून के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग और प्रतिबंधित विदेशी संस्थाओं के साथ काम करने के अपराध में दी जा सकती है.

अमेरिका-रूस संबंध

यह मामला तब सामने आया है जब अमेरिका और रूस के बीच तनावपूर्ण संबंध चल रहे हैं, खासकर यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद. अमेरिका ने रूसी संस्थानों और व्यक्तियों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें रूस के सरकारी मीडिया चैनल भी शामिल हैं. दिमित्री साइम्स पर लगे ये आरोप न केवल ट्रंप के चुनाव अभियान से जुड़े विवादों को फिर से उभार रहे हैं, बल्कि यह भी दिखा रहे हैं कि अमेरिका अपने चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के मामलों को गंभीरता से लेता है.

ट्रंप के चुनाव प्रचार पर बुरी नजर

इस मामले ने एक बार फिर से 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूस की संदिग्ध भूमिका और ट्रंप के चुनाव प्रचार से जुड़े लोगों की जांच को केंद्र में ला दिया है. दिमित्री साइम्स पर लगे आरोप आने वाले समय में अमेरिकी राजनीति और रूस से जुड़े मुद्दों पर और भी ध्यान खींच सकते हैं.

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