Rishi Sunak On China: ऋषि सुनक ने कहा कि चीन हमारी टेक्नोलॉजी चुरा रहा है और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में अपने कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट के जरिए प्रोपगेंडा फैला रहा है. अगर वो प्रधानमंत्री बने तो इसपर रोक लगाई जाएगी.
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Rishi Sunak Promises To Curb Chinese Soft Power: ब्रिटेन (Britain) में प्रधानमंत्री की रेस में शामिल ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने विपक्षी उम्मीदवार लिज ट्रस (Liz Truss) को घेरते हुए चीन (China) को लेकर बड़ा बयान दिया है. ऋषि सुनक ने कहा कि है वो ब्रिटेन में सॉफ्ट पावर के जरिए हो रहे चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकेंगे. ऋषि सुनक ने कहा कि लिज ट्रस चीन के खिलाफ कभी सख्त कदम नहीं उठा पाएंगी. उनके एजुकेशन मिनिस्टर रहते हुए कई कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट (Confucius Institutes) ब्रिटेन में खुले. ये चीन की सॉफ्ट पावर की तरह काम करते हैं. ऋषि सुनक ने कहा कि चीन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर वो प्रधानमंत्री बने तो ब्रिटेन में खोले गए 30 कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट पर ताला लगा दिया जाएगा.
कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट के जरिए चीन फैला रहा प्रोपगेंडा
डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक ने अपनी विपक्षी कैंडिडेट पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो चीन को ब्रिटेन की तमाम यूनिवर्सिटी में कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट के जरिए अपना प्रोपगेंडा फैलाने की अनुमति दे रही हैं.
लिज ट्रस पर लगाया गंभीर आरोप
बता दें कि ऋषि सुनक के समर्थकों को कहना है कि चीनी सरकार द्वारा वित्त पोषित सांस्कृतिक केंद्र कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट फ्री स्पीच को रोक रहे हैं और वो विदेशी स्टूडेंट्स की जासूसी करते हैं. प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार लिज ट्रस के दो साल के कार्यकाल के दौरान 9 कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट ब्रिटेन में खोले गए.
चीन की सॉफ्ट पावर पर लगेगी रोक
उन्होंने वादा किया कि उच्च शिक्षा संस्थानों में 60 हजार डॉलर यानी करीब 47 लाख 80 हजार 885 रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग पर रोक लगाई जाएगी और तमाम यूनिवर्सिटी से सीसीपी यानी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाएंगे. ऋषि सुनक ने ये भी कहा कि ब्रिटेन की घरेलू जासूसी एजेंसी MI5 का इस्तेमाल चीनी जासूसों से निपटने में किया जाएगा और साइबर स्पेस में चीनी खतरों से निपटने के लिए नाटो की तरह अंतरराष्ट्रीय सहयोग का निर्माण किया जाएगा.
ऋषि सुनक ने दावा किया कि चीन हमारी तकनीक चुरा रहा है और हमारे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहा है. रूसी तेल खरीद रहा है और साथ ही ताइवान सहित कई पड़ोसियों को धमकाने की कोशिश भी कर रहा है. उन्होंने चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड स्कीम पर भी हमला बोला और कहा कि उससे विकासशील देशों को कर्ज के जाल में फंसाया जा रहा है.