आतंक के खिलाफ ‘बिना शर्त’ लड़ाई लड़ें, वरना SCO में शामिल नहीं हो सकते भारत-पाक
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आतंक के खिलाफ ‘बिना शर्त’ लड़ाई लड़ें, वरना SCO में शामिल नहीं हो सकते भारत-पाक

भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों का द्विपक्षीय ढंग से समाधान होना चाहिए.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

बीजिंग: संघाई सहयोग संगठन (SCO) के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों का द्विपक्षीय ढंग से समाधान होना चाहिए तथा आतंकवाद एवं अलगाववाद के खिलाफ ‘बिना शर्त’ लड़ाई की प्रतिबद्धता के बगैर दोनों देशों का एससीओ में शामिल होना असंभव है.

हाल ही में एससीओ प्रमुख बने नोरोव ने कार्यभार संभालने के बाद बुधवार को पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलवामा आतंकी हमला भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के विरोधियों की ओर से किया गया सीधे तौर पर उकसाने वाला कृत्य था.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया हालात के कारण लोग हताहत हुए. मैं यह कहना चाहता हूं कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के विरोधियों की ओर से किया गया उकसाने वाला कृत्य था.’’

यह पूछे जाने पर कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए एससीओ की व्यवस्था का कैसे इस्तेमाल हो सकता है तो नोरोव ने कहा कि एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने से पहले दोनों देशों को आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ ‘बिना शर्त’ लड़ाई की प्रतिबद्धता पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि ऐसा किए बिना दोनों देशों का एससीओ में शामिल होना असंभव है.

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