180 दिन में इस राष्ट्रपति की चली जाएगी सत्ता? 289 सांसदों में 204 ने कुर्सी उखाड़ फेंकनी की क्यों खाई कसम
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180 दिन में इस राष्ट्रपति की चली जाएगी सत्ता? 289 सांसदों में 204 ने कुर्सी उखाड़ फेंकनी की क्यों खाई कसम

Yoon Suk Yeol: साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल ने कभी सोचा नहीं होगा, उनके एक फैसले से उनकी जिंदगी अंधेरों में जा सकती है. अब उनके पास सिर्फ 180 दिन बाकी है. जानें आखिर कैसे हुए योल के ये हालात. आखिर कैसे बचे हैं 180 दिन. जानें सबकुछ.

 

 180 दिन में इस राष्ट्रपति की चली जाएगी सत्ता? 289 सांसदों में 204 ने कुर्सी उखाड़ फेंकनी की क्यों खाई कसम

South Korea’s opposition on impeachment: दक्षिण कोरिया में इन‌ दिनों राजनीतिक माहौल पूरी तरह गरम है. विपक्ष के आगे सरकार पूरी तरह कमजोर पड़ चुकी है. नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक योल पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान कर दिया है. देश में मार्शल लॉ लागू करने के उनके विवादास्पद प्रयास को लेकर राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति को उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया है. मतदान के बाद विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पार्क चान-डे ने कहा, "आज का महाभियोग लोगों की महान जीत है."

उधर दक्षिण कोरिया के विपक्षी नेता ने रविवार को संवैधानिक न्यायालय से राष्ट्रपति यून सुक येओल को पद से हटाने के प्रयास पर त्वरित निर्णय लेने का आग्रह किया है. एक दिन पहले संसद ने मार्शल लॉ लागू करने के एक अल्पकालिक प्रयास पर राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया था. मतदान में कुल पड़े वोट में समर्थन में 204 जबकि विरोध में 85 वोट पड़े, इससे यह अंदाजा लगाना आसान है कि राष्टपति के खिलाफ पूरे देश में माहौल कैसा है.

राष्ट्रपति की सभी शक्तियां निलंबित
इन घटनाक्रम के बीच राष्ट्रपति के तौर पर यून की शक्तियां तब तक निलंबित रहेंगी जब तक कि अदालत यून को पद से हटाने अथवा उनकी शक्तियों को बहाल करने का फैसला नहीं सुना देती. अदालत के पास यह तय करने के लिए 180 दिन का समय है कि यून को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए या नहीं. अगर उन्हें पद से हटा दिया जाता है, तो 60 दिन में आम चुनाव कराने होंगे. देश के दूसरे सबसे बड़े अधिकारी प्रधानमंत्री हान डक-सू को राष्ट्रपति पद की शक्तियाँ दे दी गई हैं. हान को यून ने नियुक्त किया था, हान को यून ने नियुक्त किया था.

विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि अराजकता को कम करने का एकमात्र तरीका त्वरित निर्णय ही है.  ली ने एक राष्ट्रीय परिषद के गठन का भी प्रस्ताव पेश किया जहां सरकार और नेशनल असेंबली विभिन्न मामलों पर मिलकर काम कर सकें.

मार्शल लॉ बना राष्ट्रपति के लिए मुसीबत
राष्ट्रपति यून सुक योल ने 3 दिसंबर को देश में चालीस सालों में पहली बार छह घंटे के लिए देश में मार्शल लॉ लागू किया था. जिसके बाद देश में बवाव मच गया. बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथल-पुथल मचा गई, कूटनीतिक गतिविधियों को रोक दिया और वित्तीय बाजारों को हिलाकर रख दिया. संसद द्वारा सर्वसम्मति से इसे पलटने के लिए मतदान करने के बाद यून को अपना आदेश वापस लेना पड़ा. हालात इतने खराब हुए कि विपक्ष ने मिलकर राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने का आदेश पारित करा लिया.

मार्शल लॉ कब राष्ट्रपति लागू कर सकता है?
विपक्षी दलों ने यून पर विद्रोह का आरोप लगाया है, और कहा है कि दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति को केवल युद्ध के समय या इसी तरह की आपात स्थितियों के दौरान ही मार्शल लॉ घोषित करने की अनुमति है और उन मामलों में भी संसद के संचालन को निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है. रूढ़िवादी यून ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उनका उद्देश्य डेमोक्रेटिक पार्टी को चेतावनी देना था, जिसे उन्होंने "राज्य विरोधी ताकत" कहा है क्योंकि इसने संसद पर अपने नियंत्रण का इस्तेमाल कई शीर्ष अधिकारियों पर महाभियोग चलाने और अगले साल के लिए सरकार के बजट बिल को रोकने के लिए किया है. अब राष्ट्रपति के भविष्य और कुर्सी का फैसला देश की सबसे बड़ी अदालत को करना है. जिसके पास 180 दिनों का समय है.

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