South Korea: दक्षिण कोरिया के लोग सदियों पुरानी प्रथा का हवाला देकर कुत्तों को मारकर उन्हें खाते आ रहे हैं. लेकिन अब संसद में इस प्रथा को गैरकानूनी घोषित करने की पूरी तैयारी हो चुकी है.
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South Korea: दक्षिण कोरिया के लोग सदियों पुरानी प्रथा का हवाला देकर कुत्तों को मारकर उन्हें खाते आ रहे हैं. लेकिन अब संसद में इस प्रथा को गैरकानूनी घोषित करने की पूरी तैयारी हो चुकी है. कुत्तों को मारने और उनके सेवन के खिलाफ पारित विधेयक का दक्षिण कोरिया की संसद ने पुरजोर समर्थन किया है. विधेयक पर अब राष्ट्रपति यून सुक योल की मंजूरी शेष है. जिसके बाद दक्षिण कोरिया में कुत्तों को मारने की प्रथा को अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा.
अब नहीं खा सकेंगे कुत्ते का मीट
दक्षिण कोरिया की संसद ने कुत्ते का मांस खाने की सदियों पुरानी प्रथा को गैरकानूनी घोषित करने वाले ऐतिहासिक कानून का समर्थन किया है. यह विधेयक 2027 से मानव उपभोग के लिए कुत्ते को मारने, प्रजनन, व्यापार और इसके मांस की बिक्री को अवैध बना देगा तथा ऐसे कृत्यों के लिए दो से तीन साल तक की कैद की सजा होगी.
विरोध में उतरे किसान
कुत्ते के मांस की खपत पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों से देश में मांस उद्योग में काफी कमी आई है हालांकि इस पहल को किसानों तथा अन्य लोगों के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा है. हाल के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अधिकतर दक्षिण कोरियाई अब कुत्ते का मांस नहीं खाते हैं.
तीन साल में लागू होगा कानून
बता दें कि यह नया कानून तीन साल में लागू होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों और रेस्तरां मालिकों को रोजगार और आय के वैकल्पिक स्रोत खोजने में समय लगेगा. कुत्तों के मीट के व्यवसाय से जुड़े लोगों को चरणबद्ध तरीके से नए कारोबार पर स्विच करना होगा और मौजूदा व्यवसाय को खत्म करने की योजना के बारे में स्थानीय अधिकारियों को बताना होगा.
सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े
इस कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन पर सरकार ने किसानों, कसाई और रेस्तरां मालिकों को पूरा समर्थन देने का वादा किया है. इसमें मुआवजे की पेशकश का विवरण अभी तक तैयार नहीं किया गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2023 में दक्षिण कोरिया में लगभग 1,600 कुत्ते का मांस परोसने वाले रेस्तरां और 1,150 कुत्तों का फार्म था. पिछले साल हुए एक सर्वे में केवल 8% लोगों ने कहा था कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में कुत्ते का मांस खाया है, जो 2015 में 27% से कम है. बहुत कम लोगों ने कहा कि वे कुत्ते के मीट का सेवन करते हैं. युवाओं में कुत्ते का मीट अब बिल्कुल भी लोकप्रिय नहीं है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)