US Researchers का दावा: Corona के Indian Variant के खिलाफ भी कारगर है Pfizer और Moderna की Vaccine
Advertisement

US Researchers का दावा: Corona के Indian Variant के खिलाफ भी कारगर है Pfizer और Moderna की Vaccine

शोध में शामिल न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि यह मानने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं कि फाइजर और मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन लगवा चुके लोग B.1.617 और B.1.618 वैरिएंट से सुरक्षित रहते हैं. उन्होंने बताया कि रिसर्च के लिए कई अलग-अलग सैंपल लिए गए थे.

 

फाइल फोटो

वॉशिंगटन: भारत में कोरोना (Coronavirus) के कहर से पूरी दुनिया खौफ में है. इस बीच, एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस के भारतीय वैरिएंट के खिलाफ फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन कारगर है. अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए नए शोध के अनुसार, भारत में पहली बार पहचाने गए दो वैरिएंट B.1.617 और B.1.618 के खिलाफ फाइजर और मॉडर्ना (Pfizer and Moderna) की कोरोना वैक्सीन प्रभावी हैं. शोध में कहा गया है कि इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण से बचा जा सकता है.

  1. भारत में मिले दोनों वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी
  2. पूरी दुनिया भारत में कोरोना के हाल को लेकर चिंतित
  3. अब 44 देशों में पहुंच चुका है इंडियन वैरिएंट

अलग-अलग Sample जांचें

शोध में शामिल न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि यह मानने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं कि फाइजर और मॉडर्ना का टीका लगा चुके लोग B.1.617 और B.1.618 वैरिएंट से सुरक्षित रहते हैं. इस रिसर्च के लिए कोरोना के शुरुआती वैरिएंट से ठीक हो चुके आठ लोगों के सीरम के सैंपल लिए गए. इसी तरह, फाइजर का टीका लगवा चुके आठ लोगों के और मॉडर्ना के टीके लगवा चुके तीन लोगों के सैंपल भी लिए गए. 

ये भी पढ़ें -Covid-19 Updates: देश में 24 घंटे में कोरोना से अब तक की सबसे ज्यादा मौत, संक्रमण के 2.67 लाख नए मामले आए सामने

सभी Variants से मिलती है सुरक्षा 

वैज्ञानिकों ने लैब में जांच करने पर देखा गया कि सीरम सैंपल वायरस के संपर्क में आने पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. उन्होंने पाया कि वैक्सीन से मिली ऐंटीबॉडी संक्रमण से मिली ऐंटीबॉडी की तुलना में बेहतर तरीके से लड़ीं. शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारी रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि मौजूदा वैक्सीन अब तक मिले COVID वैरिएंट से सुरक्षा देती हैं. इस स्टडी को एनवाईयू ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन और एनवाईयू लैंगोन सेंटर ने अंजाम दिया था.

WHO की भारत पर नजर

उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भारत के हाल पर लगातार नजर रखे हुए है. डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 टेक्निकल टीम से जुड़ीं डॉ मारिया वैन केरखोव ने कहा कि भारत में सामने आए B.1.617 को लेकर विभिन्न दलों द्वारा बातचीत की जा रही है. हम इस स्ट्रेन के बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हम जल्द इसमें कामयाबी पा लेंगे. उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 के भारतीय स्वरूप के बारे में उपलब्ध जानकारी और इसकी प्रसार क्षमता पर बातचीत करने के बाद हमने इसे वैश्विक स्तर पर चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में रखा है. यह वैरिएंट अब 44 देशों में मौजूद है.

 

Trending news